कोरोना वायरस लॉकडाउन: एक्शन में योगी सरकार, पान-मासला की बिक्री पर लगाई रोक

उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन के बीच पान मसाले की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि पान मसाले पर रोक अगले आदेश तक लगा रहेगा. उन्होंने कहा कि लोग गुटखा और पान मसाला खाकर सरकारी दफ्तरों, बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर थूकते हैं.

योगी आदित्यनाथ (Photo Credits-ANI Twitter)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में लॉकडाउन के बीच पान मसाले की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी (Awanish Awasthi) ने बताया कि पान मसाले पर रोक अगले आदेश तक लगा रहेगा. उन्होंने कहा कि लोग गुटखा और पान मसाला खाकर सरकारी दफ्तरों, बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर थूकते हैं. इससे गंदगी तो फैलती ही है, इस वक्त कोरोना वायरस (Covid-19) के संक्रमण का भी खतरा बढ़ गया है. सरकार ने प्रदेश में गुटखे का निर्माण और भंडारण के साथ वितरण पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है. कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए यह निर्णय मुख्यमंत्री ने लिया है. इस संबंध में आयुक्त खाद्य एवं सुरक्षा की तरफ से आदेश जारी कर दिया गया है. 21 दिनों के लिए प्रदेश भर में पान मसाला, गुटखा भी प्रतिबंधित किया गया है.

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा ग्राम प्रधान को मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से फोन किया जा रहा है. ग्राम प्रधान अपने गांव के उन लोगों की सूचना देंगे जो विदेशों से लौटे हैं. उन्होंने बताया कि कोई भी हेल्पलाइन नंबर 18001805145 पर बेहिचक फोन कर सकता है, इस बीमारी के बारे में सूचना दे सकता है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी सभी विधायक (MLA), एमएलसी (MLC), मंत्री (Leader) अपनी निधि से मेडिकल साधनों के लिए धनराशि उपलब्ध कराएंगे. यही नहीं, लॉकडाउन के वक्त पूरे प्रदेश में एक सफाई अभियान चलाए जाने का भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है. यह भी पढ़ें: कोरोना पर वॉर के लिए योगी सरकार तैयार, 27 मार्च तक पूरा उत्तर प्रदेश लॉकडाउन- 10 हजार आइसोलेशन बेड का हो रहा इंतजाम

अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि एपीसी की अध्यक्षता में गठित कमिटी द्वारा सभी मंडल आयुक्त, पुलिस आयुक्त और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि स्थानीय मंडियों में खाद्य सामग्री की बल्क सप्लाई की चेन को रोका न जाए, बल्कि जिला प्रशासन इसे सुगम बनाएं. उन्होंने कहा कि जो खाद्य सामग्री विक्रेता, किसान डोरस्टेप डिलिवरी कर रहे हैं, उनको न रोका जाए और व्यवस्थित रूप से पंजीकृत करके हर मोहल्ले में डोर स्टेप डिलिवरी करने दिया जाए. यही नहीं, ई-रिक्शा, ठेला, ऑटो, पिक-अप जो भी साधन उपलब्ध हों, सप्लाई के लिए उनकी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.

अपर मुख्य सचिव अवस्थी ने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान देना है कि डोर स्टेप डिलिवरी में मूल्य संबंधी किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एपीसी की अध्यक्षता वाली कमिटी को कम्युनिटी किचन को चालू करने के लिए निर्देशित किया है. उन्होंने कहा कि विभिन्न होटल, फास्ट फूड मेकर्स, मिड-डे मील संस्थाओं, धर्मार्थ संस्थाओं, मठ, मंदिर, गुरुद्वारे आदि जहां भी बड़ी मात्रा में सुरक्षित फूड तैयार हो सकता है, वहां फूड पैकेट्स तैयार करने के लिए मजदूरों की व्यवस्था की जाए. यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस का कहर: उत्तराखंड के CM त्रिवेंद्र सिंह रावत का ऐलान- सूबे में 31 मार्च तक लॉकडाउन

अवस्थी ने कहा कि तीन बजे तक की सूचना के अनुसार, प्रदेश के सभी मंडलों में लगभग 5,419 मोबाइल वैन, ई-रिक्शा, ट्रैक्टर या मोटर गाड़ियों से डोरस्टेप डिलिवरी की व्यवस्था शुरू कर दी गई है. अब तक ठेला, हाथगाड़ी, मैनुअल गाड़ियों में कुल 6,704 गाड़ियों को चिन्हित किया जा चुका है. इनको जोड़ दिया जाए तो डोरस्टेप डिलिवरी के लिए 12,123 वाहनों की व्यवस्था हो गई है.

अपर मुख्य सचिव अवस्थी ने कहा कि गुरुवार से पूरे प्रदेश में सख्ती के साथ लॉकडाउन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. पूरे प्रदेश में पुलिस ने 1788 एफआईआर धारा 188 के उल्लंघन में दर्ज की है. कुल मिलाकर 5592 लोगों का चालान किया गया है. इसमें अबतक 6082 बैरियर प्रदेश के विभिन्न शहरों में लगा दिए गए. यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस का कहर: कोरोना वायरस के मामले बढ़कर हुए 600 के पार- रहें सतर्क COVID-19 को हराना है

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में अभी तक 38 पीड़ितों की संख्या सामने आई है. अब तक प्रदेश में 6 हजार से ज्यादा आइसोलेशन बेड चिन्हित किए जा चुके हैं. वहीं अभी दूसरे राज्यों और प्रांतों से जो लोग लौटकर आए हैं उन्हें 15 दिन तक अपने घर पर ही रहने की अपील की गई है.

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