UP Assembly Elections 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अभी भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जीत की प्रबल संभावना बनी हुई है. मगर पार्टी को पिछले चुनाव के मुकाबले 108 सीटें कम मिलने की संभावना है, क्योंकि समाजवादी पार्टी (SP) तेजी से आगे बढ़ रही है। एबीपी-सीवोटर-आईएएनएस फाइव स्टेट्स स्नैप पोल में सामने आए निष्कर्षो में यह जानकारी मिली है. 403 सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधानसभा में भाजपा और गठबंधन सहयोगियों को 217 सीटें मिलने का अनुमान है. यह 2017 के चुनावों में गठबंधन को मिली 325 सीटों से 108 सीटें कम हैं।.
सर्वे से पता चला है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा 2022 में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए अभी भी फेवरेट (लोगों की राय में पसंदीदा) बनी हुई है, वहीं समाजवादी पार्टी जोर पकड़ रही है और दोनों पार्टियों के बीच अंतर कम होता जा रहा है. यह भी पढ़े: UP Elections 2022: यूपी में BJP फिर कर सकती है सत्ता में वापसी, सीएम योगी के काम से 47.4 प्रतिशत लोग संतुष्ट- सर्वे
सर्वे में कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है और अब उसे 156 सीटें मिलने की उम्मीद है। यूपी में अब साफ तौर पर बीजेपी और सपा के बीच लड़ाई है और दोनों के बीच की खाई कम होती जा रही है। दिलचस्प बात यह है कि जहां भाजपा को 108 सीटों का नुकसान हो रहा है, वहीं सपा यूपी में सीटों की सही संख्या हासिल करती दिख रही है.
अन्य दो दलों, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस को क्रमश: 18 और 8 सीटें मिलने की उम्मीद है. यूपी के मुख्य क्षेत्रों की बात की जाए तो सपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़ी बढ़त हासिल कर रही है और 60 सीटों पर जीत हासिल करती दिख रही है, जबकि बीजेपी इस क्षेत्र की 136 सीटों में से 66 सीटें जीत रही है.
पूर्वांचल में भाजपा 68 सीटें जीत रही है, जबकि सपा क्षेत्र की कुल 130 सीटों में से 49 सीटें जीत रही है. बुंदेलखंड में 19 में से बीजेपी 13 और सपा 5 सीटों पर जीत दर्ज करती दिखाई दे रही है. अवध क्षेत्र में भाजपा 70 सीटें जीत रही है जबकि सपा क्षेत्र की 118 सीटों में से 42 सीटें जीत रही है. उत्तर प्रदेश स्नैप पोल में सामने आए आंकड़े 403 सीटों पर कुल 3571 लोगों से बातचीत पर आधारित हैं.
उत्तर प्रदेश में भाजपा को अपने वोट शेयर में 0.7 प्रतिशत की मामूली गिरावट देखने को मिल सकती है और इसका शेयर 40.7 प्रतिशत पर रह सकता है, क्योंकि वह पिछले बार के मुकाबले 108 कम सीटों पर जीत हासिल करते हुए दिखाई दे रही है। इसके अलावा सपा अपने वोट शेयर में 7.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 31.1 प्रतिशत वोट पाने में कामयाब हो सकती है.