अखिलेश यादव ने भरा दम, कहा- सपा 2022 में अकेले दम पर बनाएगी सरकार
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. किसी से कोई समझौता नहीं करेगी. अखिलेश के इस बयान को शिवपाल से जोड़कर देखा जा रहा है. सपा प्रमुख प्रयागराज में सपा की पूर्व विधायक विजमा यादव की बेटी ज्योति यादव के विवाह समारोह में शामिल होने पहुंचे थे.
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. किसी से कोई समझौता नहीं करेगी. अखिलेश के इस बयान को शिवपाल से जोड़कर देखा जा रहा है. सपा प्रमुख प्रयागराज (Prayagraj) में सपा की पूर्व विधायक विजमा यादव की बेटी ज्योति यादव के विवाह समारोह में शामिल होने पहुंचे थे. उन्होंने कहा, "हम किसी से गठबंधन नहीं करेंगे और 2022 में अकेले ही सरकार बनाएंगे." प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया से गठबंधन पर अखिलेश ने कहा, "अभी बहुत समय है. हमारी पार्टी और कार्यकर्ता काफी सक्षम हैं, हम 2022 में बिना गठबंधन के ही सरकार बनाएंगे."
किसी पार्टी से समझौता न करने के उनके ऐलान को शिवपाल यादव के बयान का जवाब माना जा रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से और लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन के खराब अनुभव के बाद अखिलेश ने साफ तौर पर कहा कि उनकी पार्टी अगले चुनाव में किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं होगी और अकेले ही चुनाव लड़ेगी.
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सपा मुखिया ने कहा कि आम जनता यूपी की मौजूदा सरकार से ऊब गई है और काफी दुखी है. समाजवादी सरकारों ने पहले जो काम किए हैं, उस आधार पर अगले चुनाव में फिर से सपा की सरकार बननी तय है. उन्होंने कहा कि सपा अभी से सरकार बनाने की तैयारी में जुट गई है. अखिलेश ने कहा कि भाजपा और उसकी सरकारें लोगों को डराकर और नफरत फैलाकर अपना काम निकालना चाहती है. भाजपा की सरकारें लोकतांत्रिक व संवैधानिक संस्थाओं का राजनीतिकरण कर उसे खराब कर रही हैं.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच जंग चल रही है. जिन मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री की कुर्सी दी थी, आज उन्हीं का काम रोका जा रहा है. एनआरसी के मुद्दे अखिलेश ने कहा कि सरकार को पहले नौकरी-रोजगार, किसानों की समस्या और आर्थिक मंदी पर जवाब देना चाहिए, उसके बाद एनआरसी की बात करनी चाहिए.