मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान सबसे तेज रही आर्थिक वृद्धि दर: रिपोर्ट
इस रिपोर्ट के आने बाद कांग्रेस पार्टी में नया उत्साह आ गया है. पार्टी ने ट्विटर पर लिखा है, ‘GDP श्रृंखला पर आधारित आंकड़ा आ गया है. आंकड़ो से साफ़ हो गया है कि यूपीए शासन के दौरान (औसतन 8.1 प्रतिशत) की वृद्धि दर मोदी सरकार के कार्यकाल की औसत वृद्धि दर (7.3%) से अधिक रही.'
नई दिल्ली: हाल ही में आई एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यूपीए-1 के दौरान भारत ने सर्वाधिक विकास दर हासिल की थी. मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान 2006-07 में आर्थिक वृद्धि दर का आंकड़ा 10.08 प्रतिशत रहा जो कि उदारीकरण शुरू होने के बाद का सर्वाधिक वृद्धि आंकड़ा है. इससे पहले सर्वाधिक 10.2 फीसदी आर्थिक वृद्धि दर 1988-89 में था. उस समय प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे. राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग द्वारा गठित ‘कमेटी ऑफ रीयल सेक्टर स्टैटिक्स’ ने पिछली श्रृंखला (2004-05) के आधार पर जीडीपी आंकड़ा तैयार किया. यह रिपोर्ट सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी की गई है.
इस रिपोर्ट के आने बाद कांग्रेस पार्टी में नया उत्साह आ गया है. पार्टी ने ट्विटर पर लिखा है, ‘GDP श्रृंखला पर आधारित आंकड़ा आ गया है. आंकड़ो से साफ़ हो गया है कि यूपीए शासन के दौरान (औसतन 8.1 प्रतिशत) की वृद्धि दर मोदी सरकार के कार्यकाल की औसत वृद्धि दर (7.3%) से अधिक रही.' आगे यह भी लिखा गया है कि, ‘कांग्रेस के शासन के दौरान वृद्धि दर दहाई अंक में रही जो आधुनिक भारत के इतिहास में एकमात्र उदाहरण है.’
बता दें कि कांग्रेस आए दिन मोदी सरकार पर आर्थिक निति को लेकर हमला करती हैं. पार्टी के तमाम बड़े नेता (जिसमें राहुल गांधी शामिल है) मोदी सरकार के कार्यकाल में अर्थ व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े करते रहे हैं. कुछ महीनो पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि विकास की रट लगाई जा रही है और देश में विकास का हाल यह है कि दो साल में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर 8.2 फीसदी से घटकर 6.7 फीसदी हो गई है. ऐसे में इस रिपोर्ट से कांग्रेस और आक्रामक हो सकती है और मोदी सरकार पर हमले तेज कर सकती है.