TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने मोदी को बदनाम करने के लिए अडानी पर साधा निशाना, दर्शन हीरानंदानी ने खोली पोल!

रियल एस्टेट से लेकर ऊर्जा क्षेत्र में काम करने वाले समूह हीरानंदानी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दर्शन हीरानंदानी ने बृहस्पतिवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता महुआ मोइत्रा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने के लिए उद्योगपति गौतम अडाणी पर निशाना साधा.

नई दिल्ली: रियल एस्टेट से लेकर ऊर्जा क्षेत्र में काम करने वाले समूह हीरानंदानी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) दर्शन हीरानंदानी ने बृहस्पतिवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता महुआ मोइत्रा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने के लिए उद्योगपति गौतम अडाणी पर निशाना साधा.

उन्होंने कहा कि मोइत्रा का इरादा प्रधानमंत्री को बदनाम करना था क्योंकि उनकी प्रतिष्ठा के कारण विपक्षी दलों को उन पर हमले का मौका नहीं मिलता. आरोप लगा है कि हीरानंदानी समूह ने अडाणी समूह के बारे में संसद में सवाल उठाने के लिए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को कथित तौर पर भुगतान किया था. UP: कांग्रेस ने सपा को दिया झटका, अजय राय ने कहा- यूपी की सभी सीटों पर लड़ेंगे चुनाव, भड़के अखिलेश यादव

एक हस्ताक्षरित हलफनामे में हीरानंदानी ने स्वीकार किया कि सरकार के स्वामित्व वाली इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) द्वारा उनकी कंपनी के एलएनजी टर्मिनल के बजाये ओडिशा में धामरा एलएनजी आयात सुविधा केंद्र को चुनने के बाद उन्होंने अडाणी पर निशाना साधते हुए सवाल पूछने के लिए मोइत्रा के संसदीय लॉगिन का इस्तेमाल किया था. ‘पीटीआई’ ने इस हलफनामे की प्रति देखी है.

उन्होंने दावा किया कि मोइत्रा ने ‘‘महंगी विलासिता की वस्तुएं, दिल्ली में उनके आधिकारिक तौर पर आवंटित बंगले के नवीनीकरण में सहायता, यात्रा खर्च, छुट्टियों के अलावा देश और दुनिया में विभिन्न स्थानों पर उनकी यात्राओं के लिए मदद की लगातार मांग की.’’ इस सप्ताह की शुरुआत में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे और मोइत्रा के अलग हुए साथी और वकील जय अनंत देहाद्रई ने आरोप लगाया कि मोइत्रा ने संसद में सवाल उठाने के लिए हीरानंदानी से मदद ली. इस पर मोइत्रा ने उनके खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष मानहानि का मुकदमा किया है.

इस बीच, दुबे की शिकायत को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद की आचार समिति को भेज दिया है.

हीरानंदानी से टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो पाया. हलफनामा सार्वजनिक होने के बाद उन्होंने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर अपना अकाउंट डिलीट कर दिया. हीरानंदानी ने अडाणी समूह द्वारा केरल में बंदरगाह परिचालन शुरू करने संबंधी खबर इस सप्ताह ‘एक्स’ पर रीपोस्ट की थी.

मोइत्रा की भी प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है.

हीरानंदानी ने कहा कि वर्ष 2017 में ‘बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट’ में मोइत्रा से मुलाकात के बाद, जब वह विधायक थीं, वह पिछले कुछ वर्षों में उनकी ‘‘करीबी निजी दोस्त’’ बन गईं. हीरानंदानी ने कहा कि इससे उन्हें विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में व्यापार का अवसर मिलने की उम्मीद थी.

हीरानंदानी ने मोइत्रा के 2019 में पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से लोकसभा चुनाव जीतने के बारे में कहा, ‘‘वह बहुत महत्वाकांक्षी थीं और राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम कमाना चाहती थीं.’’ हीरानंदानी ने कहा, ‘‘उन्हें उनके दोस्तों और सलाहकारों ने सलाह दी कि सबसे छोटा रास्ता अपनाना चाहिए और वह मोदी पर व्यक्तिगत हमला करके प्रसिद्धि पा सकती हैं.’’

हीरानंदानी ने कहा, ‘‘हालांकि, प्रधानमंत्री की बेदाग प्रतिष्ठा है और वह किसी को भी नीति, शासन या व्यक्तिगत आचरण में उन पर हमला करने का कोई मौका नहीं दे रहे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि उनकी (मोइत्रा) आदत थी, उन्होंने सोचा कि मोदी पर हमला करने का एकमात्र तरीका गौतम अडाणी और उनके समूह पर हमला करना है क्योंकि दोनों समकालीन हैं और वे एक ही राज्य गुजरात से हैं.’’

हीरानंदानी ने कहा कि उन्हें इस तथ्य से मदद मिली कि अडाणी ने व्यापार, राजनीति और मीडिया के कुछ वर्गों में ईर्ष्या पैदा कर दी थी और उनके आलोचक थे. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, उन्हें अडाणी को निशाना बनाकर प्रधानमंत्री को बदनाम करने और शर्मिंदा करने के अपने प्रयास में इन वर्गों से समर्थन मिलने की उम्मीद थी.’’

हीरानंदानी ने कहा कि उन्हें आईओसी द्वारा उनकी कंपनी के एलएनजी टर्मिनल की जगह धामरा को चुनने के बारे में पता था. उन्होंने कहा, ‘‘इस जानकारी के आधार पर, मोइत्रा ने कुछ सवालों का मसौदा तैयार किया, जिनमें अडाणी समूह को निशाना बनाकर सरकार को शर्मिंदा करने वाले तत्व रहे होंगे; ऐसे सवाल जिन्हें वह संसद में उठा सकती थीं.’’

हीरानंदानी ने दावा किया, ‘‘उन्होंने सांसद के रूप में अपनी ई-मेल आईडी मेरे साथ साझा की, ताकि मैं उन्हें जानकारी भेज सकूं और वह संसद में सवाल उठा सकें. मैंने उनके प्रस्ताव को मान लिया.’’ हीरानंदानी ने दावा किया कि अडाणी समूह से संबंधित सवालों का जो पहला सेट उन्होंने भेजा था, मोइत्रा उससे मिली प्रतिक्रिया से प्रसन्न थी. हीरानंदानी ने कहा कि इसके बाद मोइत्रा ने उनसे अडाणी समूह पर अपने हमलों में उनका सहयोग जारी रखने का ‘‘अनुरोध’’ किया. हीरानंदानी ने कहा, उन्होंने ‘‘मुझे अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड प्रदान किया ताकि आवश्यकता पड़ने पर मैं सीधे उनकी ओर से प्रश्न पोस्ट कर सकूं.’’

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