पटना: लालू यादव के बेटों के बीच जारी कथित विवाद पर आज विराम लग गया. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने परिवार में फूट की ख़बर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मेरे भाई तेज प्रताप ने जो कुछ भी कहा है वह 2019 आम चुनाव और 2020 बिहार विधानसभा चुनाव के मद्धेनजर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को मजबूती देने के लिए कहा है.
लालू के छोटे बेटे तेजस्वी ने कहा 'यह तो पूरी तरह से स्पष्ट है कि तेजप्रताप जी ने पार्टी की मजबूती के लिए बात कही है. उन्होंने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव और 2020 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी में एकता कैसे बढ़ाई जाए और उसे मजबूत कैसे किया जाए, इस संबंध में अपनी बात रखी है. वह मेरे भाई हैं और मेरा मार्गदर्शन करते हैं.'
उन्होंने आगे कहा, "सभी पार्टी को मजबूती प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं. हमें तिल का ताड़ नहीं बनाना चाहिए. हमें शिक्षा में हो रही गड़बड़ी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. किस तरह से छात्रों को 35 में से 38 नंबर दिए गए हैं. यदि आप इन सब पर ध्यान नहीं देते हैं तो बिहार में लाभ नहीं होने वाला."
बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और राजद नेता प्रताप यादव ने दुख जताते हुए कहा था कि आजकल उनकी पार्टी के कई कार्यकर्ता उनका फोन तक नहीं उठाते. प्रताप ने कहा था कि पार्टी में कुछ वरिष्ठ नेता युवा कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि परिवार में झगड़े की खबरें गलत हैं, ऐसा कुछ नहीं है. तेजस्वी और लालू यादव के खिलाफ मेरे पास कुछ नहीं है. इससे पहले तेजप्रताप ने ट्वीटर कर कहा, "मेरा सोचना है कि मैं अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठाऊं और खुद द्वारका चला जाऊं."
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी अपने छोटे बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव को बनाया है. यही कारण है कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद तेजस्वी को जहां उपमुख्यमंत्री बनाया गया था, वहीं तेजप्रताप को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था. लालू की गैरमौजूदगी में हुए उपचुनावों में राजद की जीत से राजनीति में तेजस्वी का कद बढ़ा है. बड़े भाई तेजप्रताप का कुछ ही दिनों पहले विवाह हुआ है.