Annamalai Whipped Himself: तमिलनाडु BJP अध्यक्ष अन्नामलाई ने खुद को मारे कोड़े, अन्ना विश्वविद्यालय में यौन उत्पीड़न का जताया विरोध किया; सामने आया VIDEO
तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के. अन्नामलाई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे खुद को कोड़े मारते हुए दिखाई दे रहे हैं. बताया जा रहा है कि वे अन्ना विश्वविद्यालय यौन उत्पीड़न मामले में डीएमके सरकार के रवैये से नाराज हैं.
Annamalai Whipped Himself: तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के. अन्नामलाई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे खुद को कोड़े मारते हुए दिखाई दे रहे हैं. बताया जा रहा है कि वे अन्ना विश्वविद्यालय यौन उत्पीड़न मामले में डीएमके सरकार के रवैये से नाराज हैं और पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई का विरोध जता रहे हैं. इसलिए उन्होंने खुद को 6 बार कोड़े मारने और डीएमके सरकार के हटने तक नंगे पांव रहने की कसम खाई है. अन्नामलाई ने बीते गुरुवार को कहा था कि वह शुक्रवार से तब तक जूते नहीं पहनेंगे, जब तक तमिलनाडु में DMK सरकार सत्ता से बाहर नहीं हो जाती.
उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह अगले 48 दिनों तक उपवास रखेंगे और फरवरी के दूसरे सप्ताह में भगवान मुरुगन के छह पवित्र स्थलों पर जाएंगे और वहां की स्थिति के बारे में शिकायत करेंगे.
तमिलनाडु BJP अध्यक्ष अन्नामलाई ने खुद को मारे कोड़े
अन्नामलाई ने राज्य पुलिस पर लगाया आरोप
अन्नामलाई ने राज्य पुलिस पर आरोप लगाया कि उन्होंने FIR लीक कर पीड़िता की पहचान सार्वजनिक कर दी, जो पूरी तरह से अनुचित था. उन्होंने कहा, "कैसे FIR सार्वजनिक हो गई? आपने पीड़िता की पहचान उजागर कर दी। पुलिस और DMK को शर्म आनी चाहिए." इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया, "निर्भया फंड कहां गया? अन्ना यूनिवर्सिटी कैंपस में CCTV क्यों नहीं थे?"
कानून मंत्री एस. रघुपति की आलोचना
अन्नामलाई ने कानून मंत्री एस. रघुपति की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य तीन महीने तक शांत था, लेकिन उनके लंदन से लौटने के बाद वहां की स्थिति बिगड़ गई. उन्होंने यह भी कहा कि वह इस तरह की राजनीति से थक चुके हैं और तमिलनाडु में गंदे राजनीति का अंत चाहते हैं. अन्नामलाई ने आगे कहा कि वह आगामी दिनों में अपनी राजनीति को भी इसी तरह से चलाएंगे, जैसा कि DMK नेताओं ने किया.
उन्होंने यह भी कहा कि तमिलनाडु में महिलाओं की सुरक्षा का कोई भरोसा नहीं है, और यही कारण है कि उन्हें स्वस्थ राजनीति की आवश्यकता नहीं लगती.