Noida पुलिस कमिश्नर के खिलाफ मानहानि का केस करेंगे स्वामी प्रसाद मौर्य, श्रीकांत त्यागी से जुड़ा है मामला

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि वह नोएडा के पुलिस आयुक्त के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराएंगे, जिन्होंने घोषणा की थी कि उन्होंने (मौर्य) मामले की जांच किए बिना स्वयंभू नेता श्रीकांत त्यागी को एक वीआईपी कार पास प्रदान किया था.

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Photo Credits Facebook)

लखनऊ, 12 अगस्त: भाजपा के पूर्व मंत्री और अब समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने कहा है कि वह जल्द ही नोएडा के पुलिस आयुक्त (Noida Police Commissioner) के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराएंगे, जिन्होंने घोषणा की थी कि उन्होंने (मौर्य) मामले की जांच किए बिना स्वयंभू नेता श्रीकांत त्यागी को एक वीआईपी कार पास प्रदान किया था.

मौर्य ने कहा, "पुलिस आयुक्त ने बिना जांच के मेरा नाम लिया है. मैं पुलिस आयुक्त के खिलाफ मानहानि का दावा दायर करूंगा. वह श्रीकांत त्यागी नहीं, बल्कि पुलिस आयुक्त हैं, जिन्होंने मामले में मेरा नाम लिया है."

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि जब से उनका जनाधार बढ़ा है, भाजपा डरी हुई है और यही वजह है कि उनका नाम बार-बार उठाया जा रहा है.

मौर्य ने कहा, "जब मैं भाजपा में था तो श्रीकांत त्यागी को सदस्यता कैसे मिली? इसकी जांच होनी चाहिए. यह भाजपा की राजनीति है, इसलिए मेरा नाम उठाया गया. कभी एसटीएफ मामले में तो कभी श्रीकांत मामले में. उन्हें अपनी फॉर्च्यूनर कार पर लगा पास कैसे मिला, बीजेपी ये बताए?"

उन्होंने यह भी दावा किया कि, "मैंने खुद आज कार स्टिकर जारी कराया है, वह भी 2022 का. मैं किसी को पास कैसे दे सकता हूं?"

नोएडा में एक महिला को गाली देने और उसके साथ हाथापाई करने के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार किए गए श्रीकांत त्यागी को अपने वाहन पर एक स्टिकर चिपकाए हुए देखा गया, जिससे एक विधायक के रूप में उनकी गलत पहचान बन रही थी. पूछताछ के दौरान, उसने कथित तौर पर खुलासा किया कि उसकी कार पर लगा स्टिकर स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा प्रदान किया गया था.

त्यागी खुद को एक भाजपा नेता बताता है, जिसके बाद सत्तारूढ़ भाजपा को भी घेरा जा रहा है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने पहले त्यागी के आरोपों का कड़ा खंडन किया था. उन्होंने भाजपा पर लोगों को झूठ और धोखे से गुमराह करने का आरोप लगाया.

मौर्य, जो उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य हैं, ने कहा कि वह आखिरी बार 2017 में त्यागी से मिले थे. उस समय, त्यागी ने खुद को भाजपा नेता के रूप में पेश किया था. मौर्य ने कहा कि तब से उनके और स्वयंभू भाजपा कार्यकर्ता के बीच कोई संपर्क नहीं हुआ है.

उन्होंने आरोप लगाया, "मैं पिछले चार वर्षों से उनसे नहीं मिला हूं. भाजपा बार-बार क्यों कह रही है कि मैं उनसे जुड़ा हुआ हूं? उनकी कई भाजपा के बड़े लोगों के साथ एक फोटो है. अब जब वे जनता के सामने बेनकाब हो गए हैं, तो वे दूसरों पर दोष लगा रहे हैं."

मौर्य राज्य की पिछली भाजपा सरकार में मंत्री थे. उन्होंने इस साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़ दी थी और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे. उन्होंने दावा किया कि उन्हें बदनाम करने की साजिश की जा रही है.

मौर्य ने दावा किया, "श्रीकांत के पास आधा दर्जन से अधिक सुरक्षाकर्मी थे. यह भाजपा सरकार की कृपा के बिना संभव नहीं है. आज जब उन पर कार्रवाई हो रही है, तो वह एक सोची-समझी साजिश के तहत स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम ले रहे हैं."

नोएडा पुलिस ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में तीन अन्य लोगों के साथ, भाजपा के किसान मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य के रूप में सोशल मीडिया पर अपनी पहचान बताने वाले श्रीकांत त्यागी को गिरफ्तार किया.

गिरफ्तारी के बाद त्यागी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. नोएडा में एक हाउसिंग सोसायटी में उनके कथित अवैध निर्माण पर आपत्ति जताने के लिए एक महिला के साथ गाली-गलौज और मारपीट करते हुए वीडियो में देखे जाने के बाद उन पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

Share Now

\