सुप्रीम कोर्ट का NPR की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र को जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली:- सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इसके साथ अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. एनपीआर पर रोक लगाने के लिए सोमवार को एक याचिका दायर की गई थी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अब एनपीआर मामले की सुनवाई सीएए (CAA) के साथ होगी. मोदी सरकार (Narendra Modi Government) की कैबिनेट ने एनपीआर (National Population Register) को पिछले साल दिसंबर में मंजूरी दे दी है. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद से लगातार उसका विरोध किया जा रहा है. एनआरपी का मुख्य उद्देश्य है कि भारत के हर नागरिक की पहचान हो और अन्य जानकारियों के आधार पर उनका डेटाबेस तैयार करना.

बता दें कि एनपीआर-NRC और CAA को लेकर देश के भीतर आंदोलन जारी है. वहीं कांग्रेस इसे मुद्दा बनाकर केंद्र सरकार पर प्रहार कर रही है. वहीं जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है वहां पर एनपीआर की होने प्रक्रिया के दौरान वहां की सरकारे सहयोग करने से इनकार कर सकती है. अगर केरल के बाद महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश, झारखंड और छतीसगढ़ में एनपीआर का विरोध होता है, तो इससे सबकी निगाहें विपक्षी दलों पर होगी. जो मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ क्या कदम उठाती हैं. यह भी पढ़ें:- मोदी कैबिनेट ने भारत की जनगणना 2021 और NPR अपडेट करने की दी मंजूरी, इतने करोड़ रुपये होंगे खर्च.

गौरतलब हो कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) का कार्यालय इसका संचालन करेगा और 2021 की जनगणना के पहले इसे पूरा कर लिया जाएगा. प्रस्ताव के अनुसार, एनपीआर की यह प्रक्रिया सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 तक पूरी कर ली जाएगी. एनपीआर देश के नागरिकों का एक रजिस्टर है. यह नागरिकता अधिनियम 1955 और 2003 के नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियमों के प्रावधानों के तहत स्थानीय (गांव/उप-कस्बे), उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जा रहा है. (आईएनएस इनपुट)