नई दिल्ली: शिवसेना (Shiv Sena) ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के लिए ‘‘भगवान राम कानून से बड़े नहीं हैं’’ क्योंकि उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार राम मंदिर निर्माण (Ram Temple) के लिए किसी अध्यादेश पर निर्णय न्यायिक प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही करेगी. शिवसेना बीजेपी (BJP) की सहयोगी पार्टी है और उसने अयोध्या (Ayodhya) में मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए अध्यादेश लाने की मांग की है. उसने दलील दी है कि मामला दशकों से अदालतों में चल रहा है.
शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने ट्वीट किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि राम मंदिर तत्काल (सुनवाई वाला) मामला नहीं है. मोदी ने भी कुछ अलग नहीं कहा. मैं उन्हें मामले पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए बधाई देता हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘...राम मंदिर के लिए कोई अध्यादेश नहीं लाएंगे. इसका संवैधानिक अर्थ यह है कि भगवान राम कानून से बड़े नहीं हैं.’’
सर्वोच्च न्यायालयाने सांगीतले
राम मंदिर हा महत्वाचा तातडीच्या विषय नाही. पंतप्रधान मोदी यांनी तरी वेगळे काय सांगीतले?
भुमिका सपष्ट केल्या बद्दल पंतप्रधान मोदी यांचे अभिनंदन.
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) January 1, 2019
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उल्लेखनीय है कि विभिन्न टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित एक साक्षात्कार में मोदी से अयोध्या में राम मंदिर के लिए अध्यादेश लाने के विभिन्न हिंदुत्व समूहों की मांग के बारे में सवाल किया गया. इस पर मोदी ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया समाप्त होने दीजिये. न्यायिक प्रक्रिया समाप्त होने पर एक सरकार के तौर पर जो भी हमारी जिम्मेदारी होगी, हम सभी प्रयास करने को तैयार हैं. ज्ञातव्य है कि शिवसेना ने राममंदिर मुद्दे को लेकर अपना रुख कड़ा कर लिया है.