Sheila Dikshit: शीला दीक्षित का निधन, जानें उनका राजनीतिक सफर, जिनका कभी दिल्ली में चलता था सिक्का
भारतीय राजनीति का ऐसा चेहरा जो किसी परिचय का मोहताज नहीं रहा वह नाम है शीला दीक्षित. शनिवार 20 जुलाई 2019 को उन्होंने दिल्ली में आखिरी सांस ली. उनके निधन के बाद से कांग्रेस का बड़ा नुकसान हुआ है. गौरतलब है कि 15 साल तक राजधानी दिल्ली (Delhi) की सत्ता पर काबिज रहने वालीं शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) इससे पहले 1984 से 89 तक वे कन्नौज (उत्तर प्रदेश) से सांसद रह चुकी हैं.
नई दिल्ली. भारतीय राजनीति का ऐसा चेहरा जो किसी परिचय का मोहताज नहीं रहा वह नाम है शीला दीक्षित (Sheila Dikshit). शनिवार 20 जुलाई 2019 को उन्होंने दिल्ली में आखिरी सांस ली. उनके निधन के बाद से कांग्रेस (Congress) का बड़ा नुकसान हुआ है. बताना चाहते है कि शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) का जन्म 31 मार्च, 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था. शीला दीक्षित की शादी वरिष्ठ IAS विनोद दीक्षित के साथ हुई थी. 1986 में शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) और विनोद दीक्षित ने एक दूसरे के साथ पावन परिणय बंधन में बंधे थे. शादी के बाद इनका राजनीतिक करियर शुरू हुआ. इनके ससुर ही इन्हें राजनीति में लेकर आए.
शीला दीक्षित का राजनीतिक सफरनामा.
गौरतलब है कि 15 साल तक राजधानी दिल्ली (Delhi) की सत्ता पर काबिज रहने वालीं शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) इससे पहले 1984 से 89 तक वे कन्नौज (उत्तर प्रदेश) से सांसद रह चुकी हैं. इस दौरान वे लोकसभा की समितियों में रहने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं के आयोग में भारत (India) की प्रतिनिधि रहीं. वह राजीव गांधी सरकार (Rajiv Gandhi Govt) में केन्द्रीय मंत्री भी थीं. शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) 1998 से 2013 तक लगातार 15 साल दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. यह भी पढ़े-दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का निधन, 81 साल की उम्र में ली आखिर सांस
दिल्ली की 3 बार मुख्यमंत्री.
बताना चाहते है कि शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) अपनी काम की बदौलत कांग्रेस पार्टी में पैठ बनाती चली गईं थी. सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के सामने भी शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) की एक अच्छी छवि बनी और यही वजह है कि राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के बाद सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने उन्हें खासा महत्व दिया था. साल 1998 में शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष बनाई गईं थी. 1998 में ही लोकसभा चुनाव में शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) कांग्रेस के टिकट पर पूर्वी दिल्ली से चुनाव लड़ीं, मगर जीत नहीं पाईं थी. दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने न सिर्फ जीत दर्ज की, बल्कि तीन-तीन बार सीएम भी रहीं. यह भी पढ़े-शीला दीक्षित के निधन पर वीरेन्द्र सहवाग और गौतम गंभीर ने जताया शोक
बता दें कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को मिली अप्रत्याशित जीत के बाद शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) ने राजनीति से दूरी बना ली थी. लेकिन लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Election) में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अगुवाई में उन्होंने दिल्ली की कमान संभाली थी.
हाल ही में प्रदेश स्तर पर शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) बनाम पीसी चाको के बीच अनबन की खबरें भी सामने आई थी. पीसी चाको ने अपने पत्र में जिक्र किया था कि शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) बीमार चल रही हैं.