महाराष्ट्र में सत्ता घमासान जारी: शिवसेना नेता संजय राउत ने पूछा- क्या राष्ट्रपति शासन की बात करना विधायकों को धमकी है?
शरद पवार से मुलाकात को लेकर राउत ने कहा कि बीजेपी शिवसेना को छोड़कर सब एक-दूसरे से बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र में जिस तरह की परिस्थिति पैदा हो गई है उसमें सभी राजनातिक पार्टियां एक-दूसरे से बात कर रही हैं. सिर्फ शिवसेना-बीजेपी बात नहीं कर रही हैं.'
मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना (Shiv Sena) और बीजेपी (BJP) के बीच सुलह होती नजर नहीं आ रही है. चुनाव नतीजे आने के एक हफ्ते बाद भी सरकार गठन को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पाई है. शिवसेना फिफ्टी-फिफ्टी के फार्मूले के साथ मुख्यमंत्री पद के लिए अड़ी है, जबकि बीजेपी साफ कर चुकी है कि अगले पांच साल तक देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री होंगे. इस बीच शिवसेना लगातार बीजेपी पर तीखे हमले कर रही है. शनिवार को शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा, 'सत्ताधारी पार्टी के एक नेता कह रहे हैं कि यदि सरकार गठन में देरी होगी तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है. क्या यह चुने हुए विधायकों के लिए धमकी है?'
शरद पवार से मुलाकात को लेकर राउत ने कहा कि बीजेपी शिवसेना को छोड़कर सब एक-दूसरे से बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र में जिस तरह की परिस्थिति पैदा हो गई है उसमें सभी राजनातिक पार्टियां एक-दूसरे से बात कर रही हैं. सिर्फ शिवसेना-बीजेपी बात नहीं कर रही हैं.'
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सिर्फ शिवसेना-बीजेपी बात नहीं कर रहे-
फिफ्टी-फिफ्टी के फार्मूले पर अड़ी शिवसेना बीजेपी के साथ सरकार बनाने की संभावनाओं छोड़कर अन्य विकल्प भी तलाश रही है. हाल ही में शिवसेना ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की थी. बता दें की सूबे में बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था, और सरकार बनाने का वादा भी किया था, लेकिन बीजेपी और शिवसेना में सरकार बनाने को लेकर बात नहीं बन पा रही है. हाल में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी 105 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं. वहीं, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं. महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत 145 है.