पटना: राजद प्रमुख लालू प्रसाद (Lalu Prasad) के दोनों बेटों के बीच शीतयुद्ध के बाद अब पार्टी के पुराने नेता रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) द्वारा नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद पर प्रहार किए जाने के कारण बुधवार को दल की फजीहत झुई. राजद (RJD) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि यहां पार्टी मुख्यालय “सरकारी कार्यालय” की तरह हो गया है. रघुवंश और जगदानंद दोनों राजद की 1997 में स्थापना के बाद से ही उससे जुड़े रहे हैं. रघुवंश ने पत्रकारों से बातचीत में बिना अनुमति के राजद के प्रदेश अध्यक्ष के कक्ष में आगंतुकों के प्रवेश पर प्रतिबंध के संदर्भ में जगदानंद का नाम लिए बिना उनपर प्रहार करते हुए कहा “हरेक को अनुशासन अपने भी स्वयं ही लागू करना चाहिए. इसे बाहर से लागू नहीं किया जाना चाहिए. हमारी पार्टी के कार्यकर्ता वैसे कर्मचारी नहीं हैं जो वेतन पाते हैं. उसकी सराहना की जानी चाहिए. हमें पार्टी कार्यालय को सरकारी कार्यालय के सदृश बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.”
राजद के सूत्रों के अनुसार रघुवंश, जगदानंद की कार्यशैली से नाखुश हैं. रघुवंश की नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर, जगदानंद ने चतुराई से कहा, “मैं पार्टी की राज्य इकाई का प्रमुख हूं. वे पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के नाते हमसे उंचे पद पर आसीन हैं. मैं उनसे सलाह लूंगा और मेरी कार्यशैली में यदि कोई कमी है, जिससे मैं अनभिज्ञ हूं, तो मैं उसके बारे पता लगाने की कोशिश करूंगा.” यह भी पढ़ें- बिहार में रेप और हत्या की घटनाओं को लेकर CM नीतीश पर जमकर बरसे राबड़ी-तेजस्वी, कहा- हैवानों की ढाल बन रही है मरी हुई सरकार.
ऐसी भी अटकलें हैं कि रघुवंश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजग विरोधी मोर्चे में वापसी को लेकर दिए गए बयान के एक दिन बाद जगदानंद ने कहा था “तेजस्वी के नेतृत्व पर कोई समझौता नहीं होने जा रहा है.” इस बीच, नीतीश की पार्टी जदयू के प्रवक्ता निखिल मंडल ने रघुवंश के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि वे अपने मन की बात कहने से नहीं कतराते.