केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार को बड़ा फैसला लेते हुए आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरी में 10 फीसदी आरक्षण का वादा किया. केंद्र सरकार के इस फैसले पर सोमवार को पूरे दिन सियासी हलचल जारी रही. मंगलवार को संविधान संशोधन विधेयक को संसद में पेश किया जा सकता है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने अपने सांसदों को मंगलवार को संसद में पेश होने के लिए व्हिप जारी किया है. वहीं, राज्यसभा का सत्र एक दिन के लिए 9 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया गया है. बताया जा रहा है कि सवर्ण आरक्षण के लिए प्रस्तावित विधेयक पेश के लिए ही राज्यसभा की कार्यवाही में एक दिन का विस्तार किया गया है.
सूत्रों के मुताबिक राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सरकार के अनुरोध पर सहमति जताकर उच्च सदन की कार्यवाही एक दिन के लिए बढ़ा दी. बता दें कि बीते 11 दिसंबर को शुरू हुआ संसद का शीतकालीन सत्र मंगलवार (8 जनवरी) को खत्म होने वाला था, जो कि अब बुधवार तक चलेगा. यह भी पढ़ें- सवर्ण आरक्षण: इन जातियों को मिलेगा नौकरी और शिक्षा में 10% रिजर्वेशन, देखें पूरी लिस्ट
बता दें कि मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने का फैसला किया है. केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार को इस संशोधन को मंजूरी दे दी. अब सरकार यह विधेयक मंगलवार को लोकसभा और बुधवार को राज्यसभा में लाने की तैयारी में है. केंद्र सरकार के इस फैसले के तहत सवर्णों को सरकारी नौकरी और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा, यह आरक्षण 50 फीसदी की सीमा से अलग होगा.
विपक्ष ने दिया चुनावी जुमलेबाजी करार
गौरतलब है कि कांग्रेस और कुछ अन्य पार्टियां आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण संबंधी विधेयक का समर्थन करने की बात कह चुकी है, ऐसे में यह माना जा रहा है कि ये विधेयक निचले सदन लोकसभा में आसानी से पारित हो जाएगा और फिर अगले दिन बुधवार को यह विधेयक राज्यसभा में लाया जाएगा. विपक्षी इस फैसले पर साथ देने की बात तो कह रह रहें हैं लेकिन साथ ही इसे बीजेपी का राजनैतिक स्टंट भी बता रहे हैं. कांग्रेस ने इस निर्णय को 'चुनावी जुमलेबाजी' करार देते हुए आरोप लगाया कि आम चुनाव से पहले सरकार सिर्फ दिखावा कर रही है.