जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) में सियासी घमासान मचा हुआ है. बताया जा रहा है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच मतभेद चरम पर है. जबकि कांग्रेस (Congress) का आरोप है कि बीजेपी (BJP) उसकी सरकार गिराने के लिए सभी हथकंडे अपना रही है. इस बीच राजस्थान पुलिस के विशेष कार्य बल ‘एसओजी’ ने राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त और निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने के मामले में अशोक गहलोत और सचिन पायलट को नोटिस भेजा है.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक एसओजी ने 10 जुलाई को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट का बयान दर्ज करने के लिए उचित समय और जगह बताने के लिए कहा है. एसओजी ने इसके अलावा कई मंत्रियों और नेताओं को भी ऐसा नोटिस भेजा है. राजस्थान: CM अशोक गहलोत का बीजेपी पर सनसनीखेज आरोप, कहा- सरकार गिराने के लिए विधायकों को दे रही है 10 करोड़ रुपये एडवांस
विशेष कार्य बल ‘एसओजी’ ने कांग्रेस की शिकायत पर शुक्रवार को एक मामला दर्ज किया था. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एसओजी) अशोक राठौड़ ने के बताया कि इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दोनों के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर रखे गए थे. फिलहाल दोनों से पूछताछ चल रही है.
Special Operations Group (SOG) of Police also wrote to Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot on 10th July seeking his availability for recording his statement in connection with the case. https://t.co/peUgrBz2Ol pic.twitter.com/QDc8Q6g2Yf
— ANI (@ANI) July 12, 2020
अधिकारी ने शुक्रवार को को बताया, ‘‘ दर्ज किये गये मामले में आरोप यह है कि दोनों व्यक्तियों की बातचीत से लगता है कि उन्हें पता है कि क्या हो रहा है, कैसे खरीद- फरोख्त करनी है या इस पर आगे बढ़ना है... कैसे सरकार को अस्थिर करना है या उसके बाद क्या स्थिति बनेगी और उससे इन्हें कैसे फायदा हो सकता है.'
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को दावा किया कि बीजेपी उनकी सरकार को गिराने का षड्यंत्र रच रहे हैं लेकिन उनकी सरकार स्थिर है, स्थिर रहेगी और पांच साल चलेगी. उन्होंने बताया कि बीजेपी इसके लिए अपने धन-बल का उपयोग कर रही है.
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने 19 जून को राज्य से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव से पहले प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अपने कुछ विधायकों को प्रलोभन दिए जाने का आरोप लगाया था. 200 सदस्यीय विधानसभा में सत्ताधारी कांग्रेस के 107 विधायक हैं, और उसे 13 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है. जबकि माकपा और बीटीपी के कुल दो विधायकों ने गहलोत सरकार को सशर्त समर्थन दे रखा है. बीजेपी के पास 72 विधायक हैं और उसे आरएलडी के तीन विधायकों का समर्थन हासिल है.