राजस्थान में मचा सियासी दंगल अब अदालत की चौखट पर पहुंच गया है. एक तरफ जहां पर सीएम गहलोत टीम है तो दूसरी तरफ सचिन पायलट की टीम है. दरअसल हाईकोर्ट में सचिन पायलट गुट की ओर से याचिका डालकर कहा गया है कि स्पीकर का नोटिस वैध नहीं है. एक तरफ जहां सचिन पायलट की ओर से जहां मुकुल रोहतगी और हरीश साल्वे पक्ष रख रहे हैं, वहीं राजस्थान विधानसभा स्पीकर की तरफ से कमान अभिषेक मनु सिंघवी ने संभाल रखी हैं. वहीं इस मामले पर राजस्थान हाइकोर्ट अगली सुनवाई अब 20 जुलाई यानी सोमवार को करेगी. हाइकोर्ट ने 21 जुलाई तक रोक लगा रखी है. इस दौरान विधानसभा स्पीकर कोई भी कार्रवाई नहीं कर सकता है.
बता दें कि असंतुष्ट विधायकों की याचिका पहले गुरुवार को न्यायमूर्ति सतीश चंद्रा शर्मा के समक्ष आई लेकिन उनके वकील हरीश साल्वे ने एक नयी याचिका दाखिल करने के लिए और वक्त मांगा था. पायलट खेमे की ओर से नयी याचिका दायर होने के बाद उसे शाम के वक्त खंड पीठ के पास भेज दिया गया थी लेकिन बाद में यह मामला शुक्रवार के लिये टल गया था. वहीं मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की पीठ ने शुक्रवार को याचिकाओं पर सुनवाई की. पीठ ने, इस बीच, कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी को इस मामले में प्रतिवादी के तौर पर शामिल करने का आवेदन स्वीकार कर लिया था. यह भी पढ़ें:- Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में सियासी संग्राम जारी, अशोक गहलोत बोले-सचिन पायलट वापस आएंगे तो गले लगाऊंगा.
ANI का ट्वीट:-
Hearing in the case to continue on Monday, July 20. https://t.co/br0zxbr6IV
— ANI (@ANI) July 17, 2020
गौरतलब हो कि कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी कि विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की सोमवार और मंगलवार को हुई दो बैठकों में भाग लेने के लिए जारी पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया है. इसके बाद, अध्यक्ष ने इन असंतुष्ट विधायकों को नोटिस जारी किये. हालांकि पायलट खेमे की दलील है कि पार्टी का व्हिप सिर्फ तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो. विधानसभा अध्यक्ष को भेजी गयी शिकायत में कांग्रेस ने पायलट और अन्य बागी विधायकों के खिलाफ संविधान की दसवीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है. ( भाषा इनपुट)