राजस्थान में मचे सियासी दंगल थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक बार फिर सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट (Sachin Pilot) का खेमा आमने-सामने आ गया है. इस बीच सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने सफाई देते हुए ट्वीट कर कहा कि एसओजी (SOG) को जो कांग्रेस (Congress) विधायक दल ने बीजेपी नेताओं द्वारा खरीद-फरोख्त की शिकायत की थी उस संदर्भ में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, चीफ व्हिप एवम अन्य कुछ मंत्री और विधायकों को सामान्य बयान देने के लिए नोटिस आए हैं. कुछ मीडिया द्वारा उसको अलग ढंग से प्रस्तुत करना उचित नहीं है. दरअसल एसओजी की नोटिस मिलने के बाद उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट नाराज चल रहे हैं. एसओजी की नोटिस कई विधायकों को मिली है. जिसके कारण सचिन पायलट का खेमा अब एक तरफ आ गया है. इस बीच दिल्ली में कांग्रेस के आलाकमान से मुलाकत करने के लिए उनके दिल्ली पहुंचने की खबर भी सामने आ रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके खेमे के 25 विधायक पहुंच गए हैं. खबर यह भी है कि सचिन पायल किसी भी मित्र या पार्टी के नेता का फोन कॉल रिसीव नहीं कर रहे हैं. इस बीच सीएम अशोक गहलोत ने जयपुर में सभी विधायकों पर मंत्रियों को 9 बजे बुलाया है. इससे पहले मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की और वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की. यह भी पढ़ें:- राजस्थानः सियासी घमसान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज रात में बुलाई मंत्री और विधायकों की बैठक.
सीएम अशोक गहलोत का ट्वीट:-
एसओजी को जो कांग्रेस विधायक दल ने बीजेपी नेताओं द्वारा खरीद-फरोख्त की शिकायत की थी उस संदर्भ में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, चीफ व्हिप एवम अन्य कुछ मंत्री व विधायकों को सामान्य बयान देने के लिए नोटिस आए हैं। कुछ मीडिया द्वारा उसको अलग ढंग से प्रस्तुत करना उचित नहीं है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 12, 2020
गौरतलब हो कि राजस्थान में राजनीतिक संकट उस समय पैदा हुआ जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रेस कॉफ्रेंस कर बीजेपी नेतृत्व पर उनकी सरकार गिराने का प्रयास का आरोप लगाया था. भाजपा के नेताओं ने आरोपो का खंडन करते हुए कहा यह कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी लड़ाई का परिणाम है. उन्होंने यह आरोप एसओजी द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर लगाये हैं. मुख्यमंत्री द्वारा लगाये आरोपों के तुरंत बाद बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि यह अंदरूनी लड़ाई का परिणाम है क्योंकि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच चल रही खींचतान के कारण हो रहा है. गहलोत द्वारा लगाए गए सभी आरोपों से बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं है.