राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018: कांग्रेस जिसे समझ रही है मास्टरस्ट्रोक कई वह ही उनकी हार का कारण नहीं बन जाए!!!
वैसे सियासी पंडितों की माने तो कांग्रेस ने सभी दिग्गज नेताओं को टिकट देकर वोटरों को कंफ्यूज कर दिया है. लिस्ट से ये स्पष्ट संकेत नहीं मिले है कि पार्टी जीत के बाद किसे मुख्यमंत्री बनाएगी.
नयी दिल्ली: मैराथन बैठकों और गहन मंथन के बाद राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए जारी हुई कांग्रेस की पहली सूची में अशोक गहलोत, सीपी जोशी और सचिन पायलट सहित राज्य के तकरीबन सभी दिग्गज नेताओं के नाम हैं. पार्टी की पहली सूची में 152 उम्मीदवारों के नाम हैं और ऐसा लगता है सभी गुटों, वर्गों और जातियों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की गयी है. कांग्रेस ने राज्य से ताल्लुक रखने वाले तकरीबन अपने सभी वरिष्ठ नेताओं को चुनावी रण में उतारा है. वैसे, गत बुधवार को ही पार्टी के संगठन महासचिव गहलोत ने स्पष्ट कर दिया था कि वह और पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता चुनाव लड़ेंगे.
इस सूची पर गौर करने से लगता है कि पार्टी आलाकमान ने मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी के विकल्प को भी व्यापक बनाए रखने का फैसला किया है. पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत अपनी वर्तमान एवं परंपरागत सीट सरदारपुरा से लगातार पांचवीं बार और वैसे छठी बार चुनाव लड़ेंगे. गहलोत चार बार इसी सीट से विधायक रहते हुए दो बार मुख्यमंत्री बने हैं.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट टोंक विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. इस सीट पर मुस्लिम और गुर्जर मतदाताओं की संख्या अच्छी-खासी है. माना जा रहा है कि इसी के चलते पायलट ने इस सीट को चुना है. सचिन पायलट का ये पहला विधानसभा चुनाव होगा। इससे पहले वह दौसा से 2004 और अजमेर से 2009 में सांसद रह चुके हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी नाथद्वारा से चुनाव लड़ेंगे तो रामेश्वर डूडी नोखा से उम्मीदवारी करेंगे. नाथद्वारा से सीपी जोशी चार बार पहले भी विधायक रह चुके हैं. हालांकि, इसी सीट पर वह 2008 में एक वोट से चुनाव हार गए थे. कहा जाता है कि इसी वजह वह मुख्यमंत्री पद से चूक गए थे.
वहीं, रामेश्वर डूडी नोखा से चुनाव लड़ेंगे. वह इसी सीट से वर्तमान में विधायक और राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं. डूडी बीकानेर से सांसद रह चुके हैं. इनके अलावा गिरिजा व्यास को भी उदयपुर से टिकट मिला है.
वैसे सियासी पंडितों की माने तो कांग्रेस ने सभी दिग्गज नेताओं को टिकट देकर वोटरों को कंफ्यूज कर दिया है. लिस्ट से ये स्पष्ट संकेत नहीं मिले है कि पार्टी जीत के बाद किसे मुख्यमंत्री बनाएगी.