महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा रविवार को निकाले गए मेगा-मार्च में करीब 1 लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया. इसके माध्यम से वह देश में रह रहे पाकिस्तानी और बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकालने की मांग कर रहे हैं. शिवाजी पार्क स्थित से शुरू हुए इस मार्च से पहले ठाकरे और उनकी पत्नी शर्मिला, उनके बेटे और मनसे नेता अमित ठाकरे सहित उनके परिवार ने सबसे पहले प्रभादेवी स्थित 220 साल पुराने सिद्धि विनायक मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन कर उनकी आरती की.
इसके बाद मनसे के शीर्ष नेताओं के साथ ठाकरे ने गिरगांव चौपाटी से मोर्चा का नेतृत्व किया, क्योंकि यह जगह ऐतिहासिक आजाद मैदान से मात्र 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जहां उत्साही भीड़ ठाकरे का इंतजार कर रही थी. ऐसी संभावना है कि वह बाद में रैली को संबोधित कर सकते हैं. मोर्चा में शामिल होने के लिए पूरे महाराष्ट्र से मनसे कार्यकर्ता सार्वजनिक परिवहन, बसें, निजी वाहन, यहां तक की बाइक से ही शनिवार रात को यहां पहुंचने लगे थे.
Mumbai: Maharashtra Navnirman Sena (MNS) chief Raj Thackeray offers prayers at Siddhivinayak Temple. pic.twitter.com/54qTxOm9TD
— ANI (@ANI) February 9, 2020
यह भी पढ़ें- Ayodhya Verdict: मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा- कारसेवकों के मेहनत नहीं गई बेकार
गिरगांव चौपाटी से लेकर आजाद मैदान तक पूरे मार्ग पर मनसे पार्टी का भगवा झंडा, जिस पर छत्रपति शिवाजी महाराज का शाही मुहर बना हुआ है, लहराता नजर आया. शांतिपूर्वक मार्च करते हुए कई लोगों ने देश में गैर-कानूनी रूप से रह रहे घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने के लिए नारा लगाया, क्योंकि उनकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था, संसाधन और नौकरियां बंट रही हैं, साथ ही देश की सुरक्षा को भी खतरा है.
Mumbai: Maharashtra Navnirman Sena (MNS) workers gather to participate in a rally at Azad Maidan, demanding the ouster of illegal Bangladeshi and Pakistani immigrants. pic.twitter.com/UBzzEO8KQz
— ANI (@ANI) February 9, 2020
हालांकि राज ठाकरे ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह मोर्चा सीएए-एनआरसी-एनपीआर के समर्थन में नहीं है. 23 जनवरी को नया अवतार लेने के बाद मनसे का यह पहला सार्वजनिक शक्ति प्रदर्शन है.