महाराष्ट्र चुनाव में 'मैच फिक्सिंग', राहुल गांधी के दावे पर बीजेपी ने किया पलटवार

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के नवंबर 2024 विधानसभा चुनाव को लेकर एक बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर "मैच फिक्सिंग" करके चुनाव जीतने का आरोप लगाया है. आपको बता दें कि इस चुनाव में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी वाले महायुति गठबंधन को 288 में से 235 सीटें मिली थीं. अकेले बीजेपी ने 132 सीटें जीती थीं, जो राज्य में उसका अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है.

'द इंडियन एक्सप्रेस' के लिए लिखे एक लेख में राहुल गांधी ने दावा किया कि बीजेपी ने राज्य में लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए पांच-चरणीय मॉडल का इस्तेमाल किया.

उन्होंने अपने लेख के साथ एक पोस्ट में लिखा, "कदम 1: चुनाव आयोग की नियुक्ति करने वाले पैनल में धांधली करो, कदम 2: वोटर लिस्ट में फर्जी मतदाता जोड़ो, कदम 3: मतदान प्रतिशत को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाओ, कदम 4: ठीक वहीं फर्जी वोटिंग कराओ जहां बीजेपी को जीतना है, कदम 5: सबूत छिपा दो."

इस चुनाव में जहां एक तरफ बीजेपी को भारी जीत मिली, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) और शरद पवार की एनसीपी (SP) वाले महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन को सिर्फ 50 सीटों से संतोष करना पड़ा.

राहुल गांधी ने अपने लेख में लिखा, "मैं किसी छोटी-मोटी धोखाधड़ी की बात नहीं कर रहा हूं, बल्कि हमारी राष्ट्रीय संस्थाओं पर कब्जा करके बड़े पैमाने पर की गई धांधली की बात कर रहा हूं."

क्या हैं राहुल गांधी के मुख्य आरोप?

  1. चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में बदलाव: राहुल गांधी का पहला आरोप 2023 में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए चुनाव आयुक्त नियुक्ति कानून से जुड़ा है. इस कानून के तहत चुनाव आयुक्तों को चुनने वाली कमेटी से भारत के मुख्य न्यायाधीश (चीफ जस्टिस) को हटाकर उनकी जगह एक केंद्रीय मंत्री को शामिल कर दिया गया. राहुल गांधी का तर्क है कि इससे सरकार का पलड़ा भारी हो गया. उन्होंने लिखा, "ये फैसला शक पैदा करता है. आप खुद से पूछिए, कोई क्यों एक अहम संस्था से एक निष्पक्ष व्यक्ति को हटाने की कोशिश करेगा? सवाल पूछने में ही जवाब छिपा है."

  2. वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का दावा: राहुल गांधी के मुताबिक, महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में 8.98 करोड़ वोटर थे. 2024 के लोकसभा चुनाव तक यह संख्या 31 लाख बढ़कर 9.29 करोड़ हो गई. लेकिन अगले पांच महीनों में, विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, यह आंकड़ा 41 लाख और बढ़ गया और 9.70 करोड़ तक पहुंच गया. उन्होंने इस उछाल पर सवाल उठाए हैं.

बीजेपी और चुनाव आयोग का जवाब

बीजेपी का पलटवार: बीजेपी ने राहुल गांधी के दावों को "शर्मनाक" बताया है. बीजेपी के तुहिन सिन्हा ने कहा, "राहुल गांधी फिर से देश की संस्थाओं को बदनाम करने की अपनी शर्मनाक हरकतों पर उतर आए हैं. चुनाव आयोग इन मुद्दों पर पूरी डिटेल में बार-बार जवाब दे चुका है."

वोटर लिस्ट में बढ़ोतरी के आरोप पर बीजेपी ने कहा, "यह एक सामान्य प्रक्रिया है. ऐसी ही प्रक्रिया कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले भी अपनाई गई थी, जिसे कांग्रेस ने जीता था."

चुनाव आयोग का पक्ष: चुनाव आयोग ने अपनी सफाई में कहा है कि वह स्वतंत्र रूप से काम करता है और संवैधानिक कानूनों का सख्ती से पालन करता है. आयोग के अनुसार, वोटरों की संख्या में वृद्धि युवाओं की अधिक भागीदारी और नए मतदाताओं को जोड़ने के लिए चलाए गए एक विशेष अभियान के कारण हुई. हालांकि, राहुल गांधी ने इस स्पष्टीकरण को खारिज कर दिया है.