चंडीगढ़: दिल्ली से पंजाब लौटने के बाद अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ सीधा-सीधा मोर्चा खोल दिया है. अमरिंदर सिंह कांग्रेस आलाकमान को यह याद दिला रहे हैं कि 2017 के बाद उनके नेतृत्व में पंजाब में कांग्रेस ने हर चुनाव जीता है. चाहे वो 2017 का विधानसभा चुनाव हो या 2019 का लोकसभा चुनाव या इस साल फरवरी में हुए स्थानीय निकायों का चुनाव. जाहिर सी बात है कि अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान कर चुके अमरिंदर सिंह जहां एक तरफ राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा उठाकर नवजोत सिंह सिद्धू को घेरने की कोशिश करेंगे. अमरिंदर सिंह के इस बगावती तेवर से जहां आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव में बीजेपी (BJP) को फायदा हो सकता है, तो वहीं कांग्रेस (Congress) के लिए उनके तेवर नुकसान पहुंचा सकते हैं.
हालांकि अमरिंदर के तेवरों से भारतीय जनता पार्टी पहले दिन से ही उत्साहित है. इसलिए शुरूआत से ही बीजेपी अमरिंदर को राष्ट्रवादी मुख्यमंत्री बताते हुए इन्हे हटाने के लिए कांग्रेस आलाकमान पर निशाना साध रही है. अमरिंदर जिस तरह के गंभीर आरोप नवजोत सिंह सिद्धू पर लगा रहे हैं, उससे भी बीजेपी को गांधी परिवार पर हमला करने का मौका मिल गया है और बीजेपी लगातार ऐसा कर भी रही है. यह भी पढ़े: Punjab Congress Crisis: अमरिंदर सिंह को सीएम पद से हटाए जाने से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खफा, कई ने किया समर्थन
दरअसल, अकाली दल के गठबंधन से बाहर होने के बाद से ही पंजाब को लेकर बीजेप एक बड़े मुद्दे की तलाश में थी. कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को मजबूर करके यह बड़ा मौका बीजेपी को थमा दिया और बीजेपी इसे भुनाने में कोई कोर-कसर छोड़ना नहीं चाहती है.
हालांकि अमरिंदर सिंह को लेकर बीजेपी अभी अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं है. अमरिंदर की नई पार्टी के साथ गठबंधन करने के सवाल पर बोलते हुए पंजाब भाजपा प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि पहले उन्हें अपनी पार्टी तो बनाने दीजिए, फिर देखते हैं कि उनकी पार्टी की विचारधारा क्या रहती है, नीतियां क्या रहती हैं? हालांकि इसके साथ ही दुष्यंत गौतम यह जोड़ना भी नहीं भूले कि राष्ट्रवादी विचारधारा के हर व्यक्ति के लिए बीजेपी के दरवाजे खुले हैं.
मीडिया से बातचीत करते हुए बीजेपी के एक अन्य नेता ने कहा कि अमरिंदर के मैदान में उतरने से निश्चित तौर पर कांग्रेस कमजोर होगी और साथ ही वोटों का बिखराव भी होगा, लेकिन इस लड़ाई में पहले अमरिंदर सिंह को अपने आपको मजबूत साबित करना होगा. बीजेपी के आला नेता बहुत ही गहराई से पंजाब के राजनीतिक हालात पर नजर बनाए हुए हैं और अपनी चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने में भी जुटे हैं.