Punjab Assembly Election: कांग्रेस, अकाली दल के नेताओं को पार्टी में शामिल कर किला फतह करना चाहती है BJP, जानें क्या है रणनीति
पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election) से पहले शिरोमणि अकाली दल (Akali Dal) और कांग्रेस (Congress) के कई नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया. माना जा रहा है कि बीजेपी (BJP) इस रणनीती के तहत पंजाब में फिर से अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश कर रही है.
पंजाब, 30 दिसंबर : विधानसभा चुनाव से पंजाब (Punjab Assembly Election) में नेताओं के दल बदलने का सिलसिला जारी है. कांग्रेस (Congress) और शिरोमणि अकाली दल (Akali Dal)
के नेताओं को भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) में शामिल (Join) करना, पंजाब में केंद्रीय कृषि कानूनों (Farm Laws) के कारण भारी विरोध का सामना करने के बाद अब बीजेपी वापस अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही है. Election Commission PC: यूपी के सभी दलों ने की समय पर चुनाव की मांग, बुजुर्गों और दिव्यांनगो को घर से वोट करने की सुविधा
सूत्रों के मुताबिक, "कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद, भाजपा (BJP)पंजाब में अपने पैरों पर वापस जमाने की कोशिश कर रही है. अपनी रणनीति के तहत, भाजपा अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं को पार्टी में शामिल कर रही है." एक सूत्र अनुसार, "कृषि कानूनों को वापस लेने से पहले, भाजपा को पंजाब में बहुत विरोध का सामना करना पड़ा था. किसान आंदोलन (Farmers Protest) के समर्थक भाजपा नेताओं को अपने क्षेत्र में प्रचार करने की अनुमति भी नहीं दे रहे थे."
इन नेताओं ने थामा बीजेपी का हाथ
कादियां सीट से कांग्रेस विधायक (Congress MLA) फतेह सिंह बाजवा (Fateh Singh Bajwa) और श्री हरगोबिंदपुर साहिब सीट से बलविंदर सिंह लड्डी (Balwinder Singh Laddi) मंगलवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए बाजवा कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा के भाई हैं. इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के नेता गुरतेज सिंह गुंधियाना, यूनाइटेड क्रिश्चियन फ्रंट पंजाब के अध्यक्ष कमल बख्शी, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एडवोकेट मधुमीत, निहाल सिंह वाला से निकाय सदस्य, संगूर से पूर्व सांसद जगदीप सिंह धालीवाल और पूर्व क्रिकेटर दिनेश मोंगिया भी भाजपा में शामिल (Join BJP) हुए.
सूत्रों ने कहा, इनके शामिल होने से भाजपा को उम्मीद है कि कृषि कानूनों वापस लेने के बाद चुनावी राज्य में राजनीतिक माहौल फिर से उनके पक्ष में हो जाएगा. कृषि कानून के चलते ही लंबे समय से बीजेपी का साथ दे रही शिरोमणि अकाली दल ने गठबंधन तोड़ दिया. हालांकि, चुनावों से पहले, भाजपा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ गठबंधन कर लिया.
पंजाब में कुछ महीनों बाद ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर राज्य में पूर्ण बहुमत हासिल किया और 10 साल से सरकार चला रही शिरोमणी अकाली दल और भाजपा सत्ता से बाहर कर दिया. पंजाब विधानसभा चुनाव में में 20 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. शिरोमणि अकाली दल 15 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई, जबकि भाजपा को सिर्फ 3 सीटें मिलीं.
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