पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों के 'मन की बात' सुनकर लिया फैसला: भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा
बीजेपी (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली, 20 नवंबर: तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की केंद्र की घोषणा का स्वागत करते हुए भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी (Jamal Siddiqui) ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने किसानों के 'मन की बात' सुनने के बाद यह फैसला लिया. उन्होंने कहा, "तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला प्रधानमंत्री मोदी ही दृढ़ निश्चय और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ ले सकते हैं. कृषि कानून की वापसी पर भड़कीं कंगना रनौत, अकाली दल के नेता मनजिंदर सिरसा बोले, 'सुरक्षा वापस लेकर इन्हें कराएं अस्पताल में भर्ती'

कृषि कानूनों को निरस्त करने का निर्णय उन राजनेताओं के लिए एक तमाचा है जो इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे थे. उन्होंने (मोदी) देश की एकता और अखंडता को प्राथमिकता दी."उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' के मूल मंत्र के साथ काम कर रही है और तीनों कानूनों को वापस लेने का फैसला इस मंत्र को पूरा करता है. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। लोगों और फैसले के नतीजे आने वाले चुनावों में देखने को मिलेंगे."

अल्पसंख्यक मोर्चा ने दावा किया कि इस फैसले से विपक्षी दलों में खलबली मच गई है. भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी सैयद यासिर जिलानी ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कृषि कानूनों को निरस्त करने का निर्णय ऐतिहासिक है और इससे विपक्षी दलों में दहशत है. "शुक्रवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, "ऐसा लगता है कि कुछ किसान अभी भी हमारे ईमानदार प्रयासों से आश्वस्त नहीं हैं. हमने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है. इन कानूनों को निरस्त करने की संवैधानिक प्रक्रिया संसद सत्र के दौरान पूरी की जाएगी जो इस महीने के अंत में शुरू होगा."