प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों से कहा- सर्वश्रेष्ठ के लिए उम्मीद करें, हौसला बनाएं रखें
पीएम नरेंद्र मोदी (Photo Credits: Twitter)

बेंगलुरु/दिल्ली: चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का आज जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इसरो के वैज्ञानिकों से कहा कि वे निराश न हों और सर्वश्रेष्ठ के लिए उम्मीद करें. मोदी चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग का सीधा नजारा देखने के लिए यहां स्थित इसरो केंद्र पहुंचे थे. हालांकि, लैंडर से संपर्क टूट जाने के कारण सॉफ्ट लैंडिंग के बारे में कोई सूचना नहीं मिल पाई.

मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों से कहा कि देश को उन पर गर्व है और उन्हें हौसला रखना चाहिए. प्रधानमंत्री लैंडर से संबंधित घटनाक्रम के संदर्भ में आज सुबह आठ बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे.

मोदी ने कहा, हौसला रखें, सर्वश्रेष्ठ के लिए उम्मीद करें. उन्होंने इसरो प्रमुख के. सिवन की पीठ भी थपथपाई. वहीं, चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट जाने के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा कि देश को इसरो के वैज्ञानिकों पर गर्व है.

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कोविंद ने ट्वीट किया, "चंद्रयान-2 मिशन के साथ इसरो की समूची टीम ने असाधारण प्रतिबद्धता और साहस का प्रदर्शन किया है. देश को इसरो पर गर्व है. उन्होंने कहा, हम सभी सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करते हैं. लैंडर से संपर्क टूट जाने की घोषणा से कुछ मिनट पहले सिवन ने मोदी को इस बारे में जानकारी दी. मोदी ने बाद में एक ट्वीट में कहा, भारत को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है. उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है और भारत को हमेशा गौरवान्वित किया है."

आगे कहा कि, "ये क्षण हौसला रखने के हैं और हम हौसला रखेंगे. इसरो अध्यक्ष ने चंद्रयान-2 पर अपडेट दिया. हमें उम्मीद है और हम अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम में कठिन परिश्रम जारी रखेंगे." इसके साथ ही कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि "देश इसरो के साथ खड़ा है और उसका प्रयास व्यर्थ नहीं जाएगा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसरो वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने मिशन पर बेहतरीन काम किया तथा कई और महत्वपूर्ण एवं महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशनों की नींव रखी है."

गांधी ने ट्वीट किया, "इसरो को चंद्रयान-2 मिशन पर उसके बेहतरीन कार्य के लिए बधाई. आपका भाव और समर्पण हर भारतीय के लिए एक प्रेरणा है. आपका काम व्यर्थ नहीं जाएगा. इसने कई और महत्वपूर्ण तथा महत्वाकांक्षी भारतीय अंतरिक्ष मिशनों की नींव रखी है. कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा कि समूचा देश इस समय इसरो की टीम के साथ खड़ा है. अंतरिक्ष एजेंसी के कठिन परिश्रम और प्रतिबद्धता ने देश को गौरवान्वित किया है."

वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने ट्वीट किया कि, "इसरो की टीम का समर्पण और कठिन परिश्रम हम सभी के लिए एक प्रेरणा है. चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया. सपंर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लैंडर का संपर्क टूट जाने के बाद इसरो के वैज्ञानिकों से कहा,देश को आप पर गर्व है. सर्वश्रेष्ठ के लिए उम्मीद करें. हौसला रखें."

उल्ललेखनीय है कि आज रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद पर नीचे की तरफ आते समय चंद्र सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से लैंडर का संपर्क टूट गया. विक्रम ने रफ ब्रेकिंग और फाइन ब्रेकिंग चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन सॉफ्ट लैंडिंग से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया. इसके साथ ही वैज्ञानिकों और देश के लोगों के चेहरे पर निराशा की लकीरें छा गईं.

इसरो अध्यक्ष के. सिवन इस दौरान कुछ वैज्ञानिकों से गहन चर्चा करते दिखे. उन्होंने घोषणा की कि विक्रम लैंडर को चांद की सतह की तरफ लाने की प्रक्रिया योजना के अनुरूप और सामान्य देखी गई, लेकिन जब यह 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था तो तभी इसका जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया. डेटा का अध्ययन किया जा रहा है.

वहीं, विभिन्न विशेषज्ञों ने कहा कि अभी इस मिशन को असफल नहीं कहा जा सकता. लैंडर से पुन: संपर्क स्थापित हो सकता है. उन्होंने कहा कि अगर लैंडर विफल भी हो जाए तब भी चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर एकदम सामान्य है और वह चांद की लगातार परिक्रमा कर रहा है.