नई दिल्ली: चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुंचकर भारत इतिहास रच चुका है. इस कामयाबी के बाद ISRO की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है. इस बीच ISRO के एक पूर्व वैज्ञानिक का वीडिया भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन का यह वीडिया बीजेपी ने शेयर किया है. इस वीडियो में वैज्ञानिक नंबी नारायणन (Nambi Narayanan) कांग्रेस के शासनकाल के दौरान ISRO के हालातों पर बात कर रहे थे. उन्होंने कहा पहले की सरकार द्वारा धन आवंटित नहीं किया गया. वीडियो में नंबी कहते हैं कि उनकी प्राथमिकताएं अलग-अलग थीं, उन्होंने कभी भी अंतरिक्ष अनुसंधान को प्राथमिकता नहीं दी. Chandrayaan-3: रहस्यों से भरा है चांद का दक्षिणी ध्रुव, आखिर क्यों साउथ पोल पर हमेशा रहती है छाया? जानें- ऐसे ही 8 खास सवालों के जवाब.
चंद्रयान-3 की सफलता पर नंबी नारायण ने कहा, हमने जो हासिल किया है वह अविश्वसनीय है. चंद्रयान-2 की विफलता पर ध्यान दिया गया, सुधारा गया और नतीजा हमारे सामने है. उन्होंने कहा, इसरो के शुरुआती वर्षों में पिछली सरकारों ने पर्याप्त फंड का आवंटन नहीं किया. उन्होंने यहां सरकार को तब इसरो पर भरोसा ही नहीं था.
देखें ISRO के पूर्व वैज्ञानिक ने कहा कहा:
Listen to former ISRO scientist Nambi Narayanan. This is a damning indictment of Congress regimes, who had different priorities, never prioritised space research, funds were not allotted, ISRO had no jeeps or cars for research work. They had just one bus, which moved in shifts…… pic.twitter.com/Cc1SP1PO3a
— BJP (@BJP4India) August 27, 2023
बीजेपी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भी इस इंटरव्यू की क्लिप्स पोस्ट की हैं. विपक्ष द्वारा पीएम मोदी के चंद्रयान-3 मिशन का श्रेय लेने पर नंबी नारायणन ने कहा कि 'इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ को मिशन की सफलता का पूरा श्रेय मिला है. साथ ही प्रधानमंत्री को भी इसका श्रेय जाएगा, लेकिन अगर आप प्रधानमंत्री को पसंद नहीं करते हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि आप उन्हें श्रेय नहीं देंगे. एक नेशनल प्रोजेक्ट का श्रेय प्रधानमंत्री को नहीं जाएगा तो किसे जाएगा?'
कांग्रेस ने दिया जवाब
नंबी नारायणन के इस वीडियो के बाद रविवार को कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने सोशल मीडिया X के पोस्ट में कहा, “नेहरू वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते थे. जो लोग इसरो की स्थापना में उनके योगदान को पचाने में असमर्थ हैं, उन्हें टीआईएफआर (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च) के स्थापना दिवस पर उनका भाषण सुनना चाहिए.” 'वह बादलों से रडार को बचाने वाले विज्ञान के ज्ञाता की तरह सिर्फ़ बड़ी-बड़ी बातें नहीं करते थे बल्कि बड़े-बड़े फ़ैसले लेते थे.
नेहरू वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते थे। ISRO के निर्माण में उनके योगदान को जो नहीं पचा पा रहे हैं, वो TIFR के शिलान्यास के दिन का उनका भाषण सुन लें।
वह बादलों से रडार को बचाने वाले विज्ञान के ज्ञाता की तरह सिर्फ़ बड़ी-बड़ी बातें नहीं करते थे बल्कि बड़े-बड़े फ़ैसले लेते थे। pic.twitter.com/phCzbEZ6fo
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 27, 2023
इसरो ने शेयर किया अपडेट
इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 मिशन के सभी पेलोड सामान्य रूप से काम कर रहे हैं. इसरो ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘चंद्रयान-3 मिशन: मिशन के तीन उद्देश्यों में से, चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन पूरा हो गया है.चंद्रमा पर रोवर के घूमने का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है. तीसरे उद्देश्य के तहत वैज्ञानिक प्रयोग जारी हैं. सभी पेलोड सामान्य रूप से कार्य कर रहे हैं.’’
चांद पर शिव-शक्ति पॉइंट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को घोषिणा की चंद्रयान-3 की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की तारीख 23 अगस्त के दिन को अब राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा और जिस जगह पर इस यान का लैंडर ‘विक्रम’ उतरा, उस जगह को अब ‘शिवशक्ति’ प्वाइंट के रूप में जाना जएगा. उन्होंने यह घोषणा भी की कि 2019 में चंद्रयान-2 ने जिस जगह पर अपने पदचिह्न छोड़े थे, चंद्रमा की उस जगह को अब ‘तिरंगा’ प्वाइंट के रूप में जाना जाएगा.