चंद्रयान-3 के सभी सिस्टम ठीक से काम कर रहे हैं. ISRO चंद्रयान-3 से जुड़े अपडेट लगातार शेयर कर रहा है. चंद्रमा की ऊबड़-खाबड़ सतह पर क्रेटर्स से बचते हुए प्रज्ञान रोवर आगे बढ़ रहा है. इसरो ने एक अपडेट में बताया कि प्रज्ञान के सामने 4 मीटर व्यास का क्रेटर आया था जिसके बाद उसे कमांड दिया कि रास्ता बदल ले. अब प्रज्ञान सुरक्षित तरीके से नए रास्ते पर चल रहा है. रोवर विक्रम लैंडर को काफी सारा डेटा भेज रहा है जो बेंगलुरु के ISRO कमांड सेंटर में रिसीव किया जा रहा है. Aditya-L1: चांद के बाद अब 'सूरज' की बारी, दो सितंबर को श्रीहरिकोटा से लॉन्च होगा ISRO का आदित्य L1 मिशन.
चंद्रयान 3 के विक्रम लैंडर की ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद, प्रज्ञान रोवर को प्रभावी ढंग से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास तैनात किया गया है. वर्तमान में, भारत के अलावा चंद्रमा की सतह पर एकमात्र सक्रिय रोवर चीन का युतु 2 (Yutu 2) रोवर है, जिसे चांग'ई 4 द्वारा भेजा गया है.
चांद पर कहां है भारत और चीन का रोवर
Distance between 2 active rovers (#Chandrayaan3 Rover and Chang'e 4 Rover) on Moon is approx 1891 kms (± 5kms) pic.twitter.com/uzj4ePXYjZ
— Shan (Shanmuga Subramanian) (@Ramanean) August 27, 2023
अब सभी के मन में ये सवाल है कि ये दोनों रोवर कितनी दूर हैं? क्या ये आपस में मिलेंगे? चीन का रोवर चांद की सतह पर 2019 से ही काम कर रहा है. वहीं भारत का प्रज्ञान सिर्फ 14 दिनों तक ही काम कर सकेगा. हालांकि ISRO को उम्मीद है कि अगले चंद्र दिन में सूर्य की रोशनी पड़ने के साथ रोवर फिर से काम कर सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जहां प्रज्ञान है वहां रात होने पर तापमान माइनस 150 डिग्री से अभी नीच पहुंच जाएगा, जिसमें रोवर का काम करना संभव नहीं है.
क्या Yutu 2 से मिलेगा प्रज्ञान रोवर?
भारतीय रोवर का अपने चीनी समकक्ष युतु 2 (Yutu 2) से सामना होने की कोई संभावना नहीं है. प्रज्ञान रोवर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सर्वेक्षण करने के लिए तैनात है,. यह अपने लैंडर, विक्रम से केवल 500 मीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम है. दूसरी ओर, चीन का रोवर अपने प्रारंभिक लैंडिंग स्थल के अपेक्षाकृत करीब रहा है. इन रोवर के बीच 1891 किमी की दूरी है. चांद पर क्रैश हुए चंद्रयान-2 का मलबा खोजने वाले शनमुगा सुब्रमण्यम ने इसकी जानकारी दी है.
उन्होंने ट्वीट कर बताया कि आखिर यह दोनों रोवर एक दूसरे से कितने दूर हैं. इसके साथ ही उन्होंने आगे लिखा कि उनकी जानकारी के हिसाब से शायद पहली बार है जब चांद पर दो रोवर एक्टिव हैं.
कैसे 2019 से काम कर रहा है Yutu 2
चीन का युतु-2 रात होने पर स्लीप मोड में चला जाता है. चीन का रोवर भी छह पहियों वाला है. इसकी रेंज 10 किमी है और यह 3 स्कॉयर किमी के एरिया को पृथ्वी के 90 दिनों में एक्सप्लोर कर सकता है.