78वें स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2024) के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया. इसके बाद उन्होंने देश को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने कई बड़ी बातें की. समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) पर पीएम मोदी ने कहा कि देश में एक सेकुलर सिविल होना चाहिए.
पीएम मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कई बार यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा की है. देश का एक बड़ा वर्ग मानता है कि सिविल कोड सांप्रदायिक है. इस बात में सच्चाई भी है. ये भेदभाव करने वाला सिविल कोड है. संविधान के 75 वर्ष जब मनाए जाएंगे तो संविधान निर्माताओं का जो सपना था, उसे पूरा करना हमारा दायित्व है. मैं चाहता हूं कि हर वर्ग इस पर चर्चा करे. धर्म के आधार पर बांटने वाले कानूनों का समाज में कोई स्थान नहीं हो सकता है. अब समय की मांग है कि देश में एक सेक्युलर सिविल कोड हो. कम्युनल सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं, अब हमें सेक्युलर सिविल कोड की ओर जाना होगा. तब जाकर हमें धर्म के आधार पर होने वाले भेदभाव से मुक्ति मिलेगी.
'कुछ लोग भारत की प्रगति नहीं देख पा रहे'
पीएम मोदी ने कहा कि हम संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों ऐसे भी होते हैं जो प्रगति नहीं देख सकते हैं. वे भारत का भला नहीं सोच सकते हैं, क्योंकि जब तक उनका भला ना हो, तब तक वे किसी का भला नहीं सोचते हैं. ऐसी विकृत मानसिकता वाले लोगों से जनता को बचना होगा. वे निराशा की गर्त में डूबे लोग हैं. ऐसे लोगों से देश को सावधान रहना होगा.
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हम ताकतवर बनेंगे, वैसे-वैसे हमारी चुनौतियां बढ़ने वाली हैं. बाहर की चुनौतियां भी बढ़ने वाली हैं. मगर मैं ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं कि भारत का विकास किसी के लिए संकट लेकर नहीं आता है. हमने कभी दुनिया को युद्ध में नहीं झोंका. हम बुद्ध के देश हैं, युद्ध के नहीं. मैं विश्व समुदाय को विश्वास दिलाता हूं कि वे भारत के आगे बढ़ने से चिंतित नहीं हो. चुनौतियां कितनी ही क्यों ना हो. चुनौती को चुनौती देना भारत की फितरत में है.