नई दिल्ली: नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने शुक्रवार को कहा की सीमा पर शांति के लिए चीन की तरह ही पाकिस्तान के साथ भी बातचीत करनी चाहिए. फारूक अब्दुल्ला ने यह बात तब कही जब वह संसद के किसी भी सत्र में एक साल से अधिक समय के बाद शामिल हुए थे. नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख की सलाह पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले (Ramdas Athawale) ने हैरानगी जाहिर की है.
लोकसभा में जम्मू और कश्मीर के दिग्गज नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा “जम्मू-कश्मीर की स्थिति आज ऐसी है कि जहां प्रगति होनी थी वहां कोई प्रगति नहीं है. आज भी हमारे बच्चे और दुकानदारों के पास 4जी फैसिलिटी नहीं है जो हमारे पास हिंदुस्तान की बाकि जगहों पर है. वो तालीम कैसे ले सकते हैं जबकि सबकुछ आज इंटरनेट पर है.” Farooq Abdullah in Lok Sabha: लोकसभा में फारूक अब्दुल्ला बोले- जम्मू और कश्मीर में लोगों के पास नहीं है 4G की सुविधा, वे कैसे आगे बढ़ेंगे
No progress is taking place in Jammu & Kashmir. People there do not have access to 4G facility, how are they going to grow in the present time when the rest of the country has access to every facility on the internet: Farooq Abdullah, National Conference MP in Lok Sabha pic.twitter.com/4GBCWjVPCC
— ANI (@ANI) September 19, 2020
पाकिस्तान से बातचीत की पैरवी करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा “बॉर्डर पर होने वाली झड़पें बढ़ रही हैं और लोग मर रहे हैं. इस स्थिति से निकलने का कोई रास्ता निकालना पड़ेगा. जिस तरह आप चीन से बातचीत कर रहे हैं कि वो पीछे हट जाए वैसे ही हमें हमारे पड़ोसियों से बात करनी चाहिए.”
मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री रामदास अठावले ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला की बात का विरोध करते हुए कहा “मैं माननीय फारूक अब्दुल्ला से सवाल पूछना चाहता हूं कि भारत ने कितनी बार पाकिस्तान से बातचीत की कोशिश की है. जब भारत रत्न अटल बिहारी जी प्रधानमंत्री थे तो पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ भारत आए थे और आगरा में चर्चा हुई थी पर पाकिस्तान मानने को तैयार ही नहीं है. हम चाहते हैं कि पाकिस्तान पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) को भारत के हवाले कर दे.”