रांची, 17 अक्टूबर: झारखंड (Jharkhand) राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) ने राज्य में 'गांव की सरकार' चुनने की तैयारी तेज कर दी है. सब कुछ ठीक रहा तो राज्य में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के तहत दिसंबर के दूसरे हफ्ते से लेकर जनवरी के पहले हफ्ते तक पांच चरणों में चुनाव कराये जा सकते हैं. राज्य के संसदीय कार्य एवं ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने आईएएनएस से कहा कि सरकार का प्रयास है कि दिसंबर के अंत तक हर हाल में पंचायतों के चुनाव करा लिए जाएं. यह भी पढ़े: बिहार में 15 नवंबर से फिर से खुलेंगे आंगनबाडी और प्राथमिक विद्यालय, सीएम नीतीश कुमार की घोषणा
बता दें कि झारखंड में ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों का कार्यकाल नवंबर-दिसंबर 2020 में ही पूरा हो चुका था. कोविड-19 महामारी की वजह से पैदा हुई विषम परिस्थितियों की वजह से राज्य की सरकार दो बार पंचायती राज व्यवस्था को विस्तार दे चुकी है. पंचायतों को दूसरी बार विस्तार देने के लिए राज्य सरकार को झारखंड विधानसभा में विगत मानसून सत्र के दौरान विधेयक पारित कराना पड़ा था.
अब राज्य में कोविड से उपजे हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं, तो तीनों स्तर पर पंचायतों के चुनाव की कवायद तेज हो गयी है. राज्य के निर्वाचन आयुक्त डीएन तिवारी ने कहा कि आरक्षण नियमों के तहत सभी जिलों में पंचायतों को आरक्षित-अनारक्षित करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. विभिन्न स्तरों पर निर्वाचन चिह्नें का निर्धारण भी कर लिया गया है. एक नवंबर से मतदाता सूची में नये नाम जोड़ने, मतदाता सूची को पुनरीक्षित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो रही है.
सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि नवंबर के पहले हफ्ते तक पंचायतों से जुड़े तमाम ब्योरे वेबसाइट पर अपलोड कर दिये जायें. प्राय: सभी जिलों में चुनाव ड्यूटी में लगाये जाने वाले कर्मियों और अधिकारियों की सूची अपडेट कर ली गयी है. चुनाव के दौरान विधि व्यवस्था के मुद्दे पर इस महीने की शुरूआत में ही निर्वाचन आयोग ने पंचायती राज विभाग के सचिव राहुल शर्मा, आईजी अभियान एवी होमकर ने सभी जिलों के डीसी-एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की थी.
झारखंड में कुल 4402 ग्राम पंचायतें हैं, जहां मुखिया (ग्राम प्रधान) के अलावा 54330 ग्राम पंचायत सदस्य, 5423 पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद के 545 सदस्यों का चुनाव किया जाना है. कुल मिलाकर त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के तहत 64700 पदों के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि चुने जायेंगे. पंचायत चुनाव की प्रशासनिक कवायद तेज होते ही गांवों में राजनीतिक सरगर्मी भी तेज हो गयी है. विभिन्न पदों के संभावित प्रत्याशियों ने जनसंपर्क अभी से शुरू कर दिया है.
पंचायत चुनाव भले दलीय आधार पर नहीं कराये जाते, लेकिन विभिन्न राजनीतिक दल उन प्रत्याशियों की सूची तैयार कर रहे हैं, जिन्हें समर्थन देकर पंचायतों से लेकर जिला परिषदों तक में अपनी स्थिति मजबूत की जा सके. झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि हमारी पार्टी की कोशिश होगी कि पंचायतों में कांग्रेस की विचारधारा वाले ज्यादा से ज्यादा प्रत्याशी चुनकर आयें. झारखंड भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल नाथ शाहदेव कहते हैं कि हरेक बूथ पर भाजपा का सशक्त संगठन है. पार्टी की जड़ें गांवों और पंचायतों तक हैं। प्रत्येक पंचायत में भाजपा की विचारधारा वाले कार्यकतार्ओं की चुनाव में उत्साहजनक भागीदारी रहेगी.