CM Yogi Aditya Nath On Opposition: उत्तर प्रदेश के हाथरस की घटना पर विपक्षी नेताओं की बयानबाजी को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कुछ लोगों की यह प्रवृत्ति होती है कि इस प्रकार की दुखद और दर्दनाक घटनाओं में भी वो राजनीति ढूढ़ते हैं. ऐसे लोगों की फितरत है, चोरी भी और सीनाजोरी भी. उन्होंने कहा कि यह हर व्यक्ति जानता है कि कथावाचक सज्जन के फोटो किसके साथ हैं. उनके राजनीतिक संबंध किसके साथ जुड़े हुए हैं. आपने देखा होगा कि पिछले दिनों रैलियों के दौरान इस तरह की भगदड़ कहां मचती थी और कौन उसके पीछे थे. मुझे लगता है कि इन सबकी तह में जाना आवश्यक है. जो लोग निर्दोष लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करते हैं, उनकी जवाबदेही भी तय होगी.
उन्होंने कहा कि जो निर्दोष लोग हादसे के शिकार हुए हैं, उनके नाबालिग बच्चों को हम लोग उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत पढ़ाई की व्यवस्था कराएंगे. वो जिस भी स्कूल या संस्था में पढ़ रहे होंगे, राज्य सरकार व्यवस्था करेगी. हादसे में मृतकों के परिजनों को केंद्र और राज्य की ओर से कुल 4 लाख रुपए और घायलों को कुल एक लाख रुपए की सहायता प्रदान कर रहे हैं. सीएम योगी ने कहा कि प्रशासन प्रथमदृष्टया ये मानकर चलता है कि धार्मिक आयोजन है और उनके सेवादार इस प्रकार के आयोजनों की अंदर से जिम्मेदारी स्वयं निभाएंगे. बड़े-बड़े आयोजन होते हैं और सावधानीवश वहां फोर्स को तैनात किया जाता है, लेकिन फोर्स आउटर रिंग में होती है. यदि आप अंदर देखेंगे, तो उनके स्वयंसेवक या सेवादार ही व्यवस्था का संचालन करते हैं. यह भी पढ़ें:- Jaswinder Singh On Government’s Budget: विपक्ष ने कहा, मध्य प्रदेश सरकार का बजट जनता के साथ धोखा है
उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों में धार्मिक और आध्यात्मिक श्रद्धाभाव से लोग आते हैं, तो वहां भीड़ अनुशासित ही रहती है. लेकिन, जब वही कार्यक्रम निहित स्वार्थी तत्वों के हाथों का खिलौना बन जाता है, तो अनुशासनहीनता का नजारा देखने को मिलता है. इसका शिकार अंततः वो निर्दोष व्यक्ति होता है, जो धार्मिक श्रद्धा के साथ उस आयोजन में भागीदार होता है. उसे साजिश के बारे में तो पता नहीं होता है. साजिश करने वाले लोग साजिश करके चुपचाप खिसक जाते हैं. उन्होंने आगे कहा कि होना ये चाहिए था कि अगर हादसा हुआ था, तो सेवादारों को वहां पर अपनी व्यवस्था को सुदृढ़ करना चाहिए था. अगर सुदृढ़ नहीं कर पा रहे थे, तो प्रशासन का सहयोग लेकर घायलों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए थी. हादसे में लोग मर रहे थे और सेवादार वहां से भाग चुके थे. हम इसके निष्कर्ष पर आएंगे और इसके जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे.