प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के UCC लागू करने वाले बयान पर विपक्ष हमलावर हो गया है. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए. खेड़ा ने कहा, "प्रधानमंत्री संविधान की शपथ लेते हैं, लेकिन बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा लिखे गए संविधान को सांप्रदायिक करार देते हैं. वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ इस तरह बोलते हैं, जैसे पिछले सरकारों के कार्यकाल में आतंकवादी हमले हुए हों. हम जानना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री ने बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए हैं."
समान नागरिक संहिता पर प्रधानमंत्री मोदी का वक्तव्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक बयान में देश में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) पर चल रही बहस को लेकर अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा कि हमारे देश में समान नागरिक संहिता पर चर्चा हो रही है. उन्होंने कहा कि यह विषय सुप्रीम कोर्ट में भी उठ चुका है और न्यायालय ने कई बार इस पर आदेश दिए हैं. पीएम मोदी का मानना है कि देश का एक बड़ा वर्ग इस बात पर विश्वास करता है कि वर्तमान नागरिक संहिता वास्तव में सांप्रदायिक और भेदभावपूर्ण है.
#WATCH | Delhi: Congress leader Pawan Khera says, "... He takes oath on the constitution and then calls the code written by Babasaheb Ambedkar as communal. He speaks against Atal Bihar Vajpayee in a way saying there were terrorist attacks during previous government terms... We… pic.twitter.com/VyorI2qntH
— ANI (@ANI) August 15, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "अब हमें एक धर्मनिरपेक्ष (Secular) नागरिक संहिता की ओर बढ़ना चाहिए. हमारे संविधान की भावना कहती है कि इस विषय पर देश में गंभीर चर्चा होनी चाहिए. वे कानून जो धर्म के आधार पर देश को विभाजित करते हैं और भेदभाव पैदा करते हैं, उन्हें एक आधुनिक समाज में कोई स्थान नहीं मिलना चाहिए."
समान नागरिक संहिता की आवश्यकता
प्रधानमंत्री का यह बयान भारतीय समाज में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता को रेखांकित करता है. उनका कहना है कि संविधान निर्माताओं का सपना भी यही था कि देश में ऐसे कानून लागू हों जो सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर प्रदान करें. पिछले 75 वर्षों से देश में जो नागरिक संहिता लागू है, वह सांप्रदायिकता को बढ़ावा देती है और समाज में विभाजन पैदा करती है.