भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने निवास पर गणपति पूजा के लिए आमंत्रित किया था. इस निमंत्रण के बाद, CJI चंद्रचूड़ को वरिष्ठ वकीलों और विपक्षी पार्टियों की ओर से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
क्या है विवाद?
CJI चंद्रचूड़ ने बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी को अपने घर गणपति पूजा में शामिल होने के लिए बुलाया. एक वीडियो में, जिसमें समाचार एजेंसी PTI ने साझा किया है, CJI चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी कल्पना दास मोदी का स्वागत करते हुए दिखाई दे रहे हैं, और मोदी पूजा में शामिल हो रहे हैं.
Shocking that CJI Chandrachud allowed Modi to visit him at his residence for a private meeting. Sends a very bad signal to the judiciary which is tasked with the responsibility of protecting fundamental right of citizens from the executive & ensuring that the govt acts within… https://t.co/mstxulCI2P
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) September 12, 2024
इस पर वरिष्ठ सुप्रीम कोर्ट वकील प्रशांत भूषण ने CJI चंद्रचूड़ की कड़ी आलोचना की. उन्होंने आरोप लगाया कि इस निमंत्रण से न्यायपालिका की स्वतंत्रता और सरकार से दूरी की भावना को नुकसान पहुंचा है. भूषण ने कहा, "यह आश्चर्यजनक है कि CJI चंद्रचूड़ ने मोदी को अपने निवास पर निजी मुलाकात के लिए बुलाया. यह न्यायपालिका को एक बहुत बुरा सिग्नल भेजता है."
Code of Conduct for Judges:
“A Judge Should practice a degree of aloofness consistent with the dignity of his office.
There should be no act or omission by him which is unbecoming of the high office he occupies and the public esteem in which that office is held”
Violation of Code pic.twitter.com/kNjuMosbgZ
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) September 12, 2024
वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह की टिप्पणी
वरिष्ठ सुप्रीम कोर्ट वकील इंदिरा जयसिंह ने भी CJI पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि इससे कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच की ताकतों का संतुलन बिगड़ गया है. उन्होंने कहा, "मैं CJI की स्वतंत्रता पर पूरा विश्वास खो चुकी हूं. SCBA को इस सार्वजनिक समझौते की निंदा करनी चाहिए."
Chief Justice of India has compromised the separation of powers between the Executive and Judiciary. Lost all confidence in the independence of the CJI . The SCBA must condemn this publicly displayed compromise of Independence of the CJI from the Executive @KapilSibal https://t.co/UXoIxVxaJt
— Indira Jaising (@IJaising) September 11, 2024
विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया
राजद सांसद मनोज झा ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह हमारे गणतंत्र की स्थिति है... जय हिंद." वहीं, शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने गणपति उत्सव के संदर्भ में कहा कि यह सामान्य है कि लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं, लेकिन अगर न्यायपालिका के सदस्य और राजनीतिक नेता मिलते हैं, तो संदेह उत्पन्न हो सकता है.
That is the state of the republic….ladies and gentlemen.
Jai Hind https://t.co/dH9XjQv4co
— Manoj Kumar Jha (@manojkjhadu) September 11, 2024
सीपीआई (एम) और सीपीआई (एमएल) की टिप्पणियां
सीपीआई (एम) के पोलित ब्यूरो सदस्य डॉ. अशोक धवाले ने CJI चंद्रचूड़ पर टिप्पणी करते हुए कहा, "क्या हमें आपकी सेवानिवृत्ति के बाद उम्मीद करनी चाहिए कि आप उच्च पदों पर नियुक्त किए जाएंगे?" वहीं, सीपीआई (एमएल) के सदस्य क्लिफ्टन डी'रोसारियो ने CJI और पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि इस घटना ने कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच की सीमा को समाप्त कर दिया है.
VIDEO | Here's what Shiv Sena (UBT) leader Sanjay Raut (@rautsanjay61) said on PM Modi participating in Ganpati Puja at CJI D Y Chandrachud's residence in Delhi.
"Ganpati Utsav is being celebrated and people visit each other's house... I don't have information whether the prime… pic.twitter.com/cagSbIh2y4
— Press Trust of India (@PTI_News) September 12, 2024
CJI चंद्रचूड़ के गणपति पूजा पर प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित करने के निर्णय ने न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच की दूरी पर सवाल उठाए हैं. वरिष्ठ वकील और विपक्षी नेता इस कदम की आलोचना कर रहे हैं, और इसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए खतरा मान रहे हैं. यह विवाद भारतीय न्यायपालिका की निष्पक्षता और कार्यपालिका के प्रभाव से उसके स्वतंत्रता की सुरक्षा पर महत्वपूर्ण प्रश्न खड़ा करता है.