Babulal Marandi's Allegations: झारखंड के पाकुड़ स्थित केकेएम कॉलेज छात्रावास में 26 जुलाई की रात पुलिस द्वारा छात्रों की पिटाई की घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी राज्य सरकार पर लगातार हमलावर है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने बुधवार को कॉलेज छात्रावास पहुंचकर छात्रों से घटना के बारे में पूरी जानकारी ली. इसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह घटना राज्य सरकार और पाकुड़ एसपी के इशारे पर अंजाम दी गई थी. छात्रों ने 27 जुलाई को बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ आक्रोश रैली निकालने का ऐलान किया था. सरकार और पुलिस-प्रशासन छात्रों के आक्रोश को दबाना चाहती थी. मरांडी ने कहा कि घटना के बाद से छात्र सहमे हुए हैं. उन पर आधी रात में उस वक्त हमला हुआ, जब वे सो रहे थे.
इस हमले के पहले एक एसआई ने कॉलेज छात्रावास पहुंचकर छात्रों को चेतावनी दी थी कि वे रैली नहीं निकालें. छात्रों पर पूरी प्लानिंग के साथ हमला हुआ है. कई छात्र गंभीर रूप से घायल हुए हैं. उन्होंने पाकुड़ एसपी को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की. मरांडी ने छात्रों से मुलाकात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "झारखंड में आदिवासियों की घटती आबादी, जमीन की लूट और उनके अस्तित्व पर उत्पन्न संकट के विरोध में आंदोलन की तैयारी कर रहे आदिवासी युवाओं के ऊपर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पाकुड़ जिले के एसपी के निर्देश पर पुलिस द्वारा सुनियोजित ढंग से जानलेवा हमला किया गया है. यह भी पढ़ें: Puja Khedkar Case: फर्जी दस्तावेज मामले में ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ UPSC का एक्शन, नौकरी रद्द, सभी परीक्षाओं में बैठने पर भी लगा बैन
केकेएम कॉलेज में आदिवासी युवाओं के छात्रावास में घुसकर रात के अंधेरे में जिस प्रकार से युवाओं की बर्बरतापूर्ण पिटाई की गई है, वह अत्यंत निंदनीय और अक्षम्य है." उन्होंने आगे लिखा, "घटना से पहले एएसआई द्वारा छात्रों के साथ दुर्व्यवहार करना, फिर सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल लाकर जानलेवा हमला करना, बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है. हेमंत जी, पुलिसिया लाठी के दम पर आप आदिवासी युवाओं की आवाज को नहीं दबा सकते. युवा, क्रांति के नायक होते हैं.
जब-जब देश या समाज के उपर विपत्ति आई है, तब-तब क्रांति का नेतृत्व कर युवाओं ने तानाशाही ताकतों को घुटने टेकने पर मजबूर किया है. राज्य सरकार अविलंब पाकुड़ एसपी को निलंबित कर घटना में शामिल पुलिसकर्मियों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कर कड़ी कारवाई करे." बता दें कि पाकुड़ की इस घटना को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने संज्ञान लिया है और राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, डीसी और एसपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. एसपी ने मामले में पाकुड़ के नगर थाना प्रभारी सह पुलिस निरीक्षक अनूप रौशन भेंगरा और सहायक अवर निरीक्षक नागेंद्र कुमार को सस्पेंड कर दिया है.