लोकसभा चुनाव परिणाम आने से सिर्फ़ 31 दिन पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बड़ा दावा किया है. टाइम्स नाउ की ग्रुप एडिटर-इन-चीफ नविका कुमार के साथ एक ख़ास इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को 400 से ज़्यादा सीटें मिलेंगी और 4 जून को दोपहर 1 बजे तक देश की जनता नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में आशीर्वाद देगी.
400 सीटों का दावा: हक़ीक़त या नारा?
जब उनसे पूछा गया कि क्या 400 से ज़्यादा सीटें पाने का दावा सिर्फ़ एक नारा है या हक़ीक़त बनेगा, तो अमित शाह ने जवाब दिया, "देखिए, हमें 400 से ज़्यादा सीटें ज़रूर मिलेंगी, इसमें कोई दो राय नहीं है. 4 जून को दोपहर 1 बजे तक देश की जनता नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में 400 से ज़्यादा सीटों के साथ आशीर्वाद देगी."
विपक्ष के आरोपों पर पलटवार
विपक्ष द्वारा सूरत और इंदौर में लोकतंत्र पर हमले और उम्मीदवारों को धमकाने के आरोपों पर गृह मंत्री ने कहा, "सूरत और इंदौर में लोकतंत्र पर हमले की बात करते हैं. अभी तक इस देश में 37 लोग निर्विरोध चुने गए हैं, जिनमें से ज़्यादातर कांग्रेस के हैं. तो राहुल गांधी को उस समय इशारा करना चाहिए था कि उनकी पार्टी ने लोकतंत्र की हत्या की है. क्या हुआ जब यशवंतराव चव्हाण जीते थे, जब फ़ारूक़ अब्दुल्ला उनके समर्थन से जीते थे, जब डिंपल यादव, उनकी सहयोगी, निर्विरोध चुनी गई थीं? अपनी ही पार्टी के लोग खुद को संभाल नहीं पाते और हर हार को लोकतंत्र पर हमला बताते हैं."
EVM पर सवाल उठाने वालों को जवाब
विपक्ष द्वारा हार के लिए EVM को दोष देने पर अमित शाह ने कहा, "अगर वे हारते हैं, तो EVM को दोष देते हैं, और अगर वे जीतते हैं, तो उसे पूरे दिल से स्वीकार करते हैं. तो जीतने के बाद भी शपथ मत लो. यह वही EVM है. EVM ख़राब है. क्या वे ख़राब EVM से जीतने के बाद शपथ ले सकते हैं? राहुल गांधी को कहना चाहिए कि क्या वे वायनाड में विजेता के रूप में शपथ लेंगे. क्योंकि EVM ख़राब है. उनका चुनाव उसी से हुआ. इतनी पुरानी पार्टी ऐसी बचकानी हरकतें करती है? उनके पास सलाह देने वाला भी कोई नहीं बचा है. कोई नेता नहीं बचा है, और शायद कोई सलाहकार भी नहीं."
संकट में कांग्रेस
कांग्रेस में संकट के बारे में पूछे जाने पर, अमित शाह ने जवाब दिया, "उम्मीदवारों का संकट है, नेताओं का संकट है, इरादे का संकट है और नीति का संकट है."
चुनावी घोषणापत्र पर निशाना
कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र पर निशाना साधते हुए, शाह ने इसकी तुलना मुस्लिम लीग से की. उन्होंने अल्पसंख्यकों के व्यक्तिगत कानून का समर्थन करने के लिए इस पुरानी पार्टी पर सवाल उठाया.
"कृपया मुझे समझाएं, व्यक्तिगत कानून क्या है? क्या कांग्रेस भारत के लोगों को समझाएगी? अल्पसंख्यकों के व्यक्तिगत कानून का समर्थन किया जाएगा, इसका क्या मतलब है? यही तो मुस्लिम लीग की मांग थी. सरकारी ठेकों में अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता दी जाएगी, अब उन्हें या तो पहले सबसे कम पर दिया जाएगा, या काम की गुणवत्ता के आधार पर, या प्रतिभा के आधार पर या अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक के आधार पर? तुष्टिकरण का इससे बड़ा उदाहरण नहीं हो सकता."
लोकसभा चुनाव
2024 के लोकसभा चुनाव अभी चल रहे हैं, जिनमें पहले दो चरणों का मतदान पूरा हो चुका है. यह चुनावी प्रक्रिया सात चरणों में फैली हुई है. लोकसभा, भारत की संसद का निचला सदन, जिसमें 543 निर्वाचित प्रतिनिधि होते हैं, जिन्हें 550 सदस्यों तक बढ़ाया जा सकता है. आमतौर पर, लोकसभा अपने पहले सत्र से पाँच वर्ष की अवधि के लिए काम करती है, जब तक कि उसे पहले भंग न कर दिया जाए.
तीसरे चरण का मतदान 7 मई को होगा, उसके बाद चौथा चरण 13 मई को, पांचवा चरण 20 मई को, 6वां चरण 25 मई को और सांतवे चरण की वोटिंग 1 जून को होगी. लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे.
(Source- Times Now)