लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) में बीजेपी (BJP) को मिले प्रचंड बहुमत के बाद नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) एक बार फिर गुरुवार को देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. यह शपथ ग्रहण समारोह पहले से कई गुना शानदार और भव्य होगा. गुरुवार 30 मई को होने वाले इस शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर है. शपथ ग्रहण के इस कार्यक्रम में बिमस्टेक राष्ट्रों समेत 14 देशों के नेता शिरकत करेंगे.
इसके अलावा सभी राजनैतिक दलों के अध्यक्षों, राजनैतिक हस्तियों, देश की अहम शख्सियतों को बुलाया गया है. सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, सभी उपमुख्यमंत्री, सांसद को भी न्योता दिया गया है. वहीं बड़े बड़े उद्योगपति, फिल्म स्टार, खिलाड़ियों को पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में शामिल होने का निमंत्रण मिला है. इनकी मौजूदगी के साथ ही इस बार का ये शपथ ग्रहण समारोह काफी भव्य होने वाला है. इस समारोह में 6500 मेहमानों के जुटने की संभावना है.
जीत की तरह ही ऐतिहासिक होगा यह समारोह
बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद यह नरेंद्र मोदी का यह शपथ समारोह भी ऐतिहासिक होगा. राष्ट्रपति भवन इस बार सबसे ज्यादा मेहमानों की मेहमान नवाजी करने वाला है. गुरुवार शाम को होने वाले इस शपथ ग्रहण समारोह में 6 हजार से ज्यादा लोग मौजूद रहेंगे. कार्यक्रम के लिए छह फुट ऊंचा स्टेज बनाया जा रहा है. राष्ट्रपति भवन में देश और दुनिया की सभी बड़ी हस्तियां मौजूद रहेंगी. इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपे लेख के मुताबिक, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और मोदी मंत्रिमंडल का इस बात पर जोर है कि समारोह को सादा रखा जाए जिससे ये उतना ही ज्यादा प्रभावशाली हो सके.
राष्ट्रपति भवन के फोरकोर्ट में होगा भव्य समारोह
नरेंद्र मोदी का यह शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन के फोरकोर्ट में होगा. कार्यक्रम के लिए छह फुट ऊंचा स्टेज बनाया जा रहा है. फोरकोर्ट राष्ट्रपति भवन के मेन गेट और मेन बिल्डिंग के बीच का शानदार रास्ता है. ऐसा चौथी बार होगा जब किसी प्रधानमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह दरबार हॉल में न होकर फोरकोर्ट में होगा. दरबार हॉल छोटे समारोह के लिए है, जिसमें केवल 500 तक ही लोग आ सकते हैं. फोरकोर्ट का इस्तेमाल राष्ट्रपति भवन में आने वाले मेहमानों, सरकार के खास लोगों और चेंज ऑफ गार्ड सेरेमनी के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है.
फोरकोर्ट का इस्तेमाल पहली पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के शपथ ग्रहण समारोह (1990) में किया गया था. इसके बाद साल 1998 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए भी इसका इस्तेमाल किया गया था. तीसरी बार फोरकोर्ट का इस्तेमाल साल 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण के दौरान किया गया. साल 2014 के शपथ ग्रहण समारोह में सार्क देशों के प्रतिनिधियों सहित लगभग 4000 लोगों शिरकत की थी.