मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच आज पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी विधायकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात की. सूबे के बजट सत्र की आज राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण के साथ शुरुआत हुई. विधानसभाध्यक्ष एन. पी. प्रजापति ने बाद में विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दिया. इसी फैसले के खिलाफ शिवराज की अगुवाई में बीजेपी के सभी विधायक गवनर से मुलाकात करने पहुंचे. शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल लालजी टंडन को विधायकों की सूची सौंपी.
मीडिया से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, " अगर बहुमत होता तो सरकार को दिक्कत क्या थी लेकिन मुख्यमंत्री बच रहे हैं. क्योंकि वो जानते हैं कि ये सरकार अल्पमत की सरकार है और इसलिए राज्यपाल महोदय के निर्देश का पालन नहीं किया गया. सरकार रणछोड़ दास बन गई. सत्र स्थगित करके ही भाग गई.
मध्य प्रदेश, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान: बहुमत होता तो सरकार को दिक्कत क्या थी लेकिन मुख्यमंत्री बच रहे हैं। क्योंकि वो जानते हैं कि ये सरकार अल्पमत की सरकार है और इसलिए राज्यपाल महोदय के निर्देश का पालन नहीं किया गया। सरकार रणछोड़ दास बन गई। सत्र स्थगित करके ही भाग गई। pic.twitter.com/N9urj7zHOd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 16, 2020
उन्होंने आगे यह भी कहा कि," कांग्रेस के केवल 92 विधायक बचे हैं. बीजेपी के 106 सशरीर आए हैं. टाइम काटू, काम कर रहे हैं कि जितनी कटे तो कट जाए. मैं ये पूछना चाहता हूं कि जो अल्पमत की सरकार है क्या उसे निर्णय लेने का अधिकार है.
मध्य प्रदेश, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान: कांग्रेस के केवल 92 विधायक बचे हैं। भाजपा के 106 सशरीर आए हैं। टाइम काटू, काम कर रहे हैं कि जितनी कटे तो कट जाए। मैं ये पूछना चाहता हूं कि जो अल्पमत की सरकार है क्या उसे निर्णय लेने का अधिकार है। https://t.co/6P7IuY7SMU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 16, 2020
बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नौ अन्य ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है.