मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और दो पूर्व मंत्रियों, मंगल प्रभात लोढ़ा और दीपक केसरकर, को कैबिनेट से बाहर रखने की मांग की है. आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) ने इन तीनों पर बीएमसी के 12,000 करोड़ रुपये के रोड कंक्रीटीकरण परियोजना में बड़े घोटाले का आरोप लगाया है. यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में कैबिनेट विस्तार की तैयारी चल रही है. सोमवार से विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होगा.
क्या है मामला?
आदित्य ठाकरे ने कहा, "अगर बीजेपी सरकार रोड घोटाले पर गंभीर कार्रवाई करना चाहती है, तो उन्हें उस समय के अवैध मुख्यमंत्री शिंदे और उनके शासनकाल के संरक्षक मंत्रियों – लोढ़ा और केसरकर – को कैबिनेट से बाहर करना चाहिए." उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह मुंबई के मेहनत से कमाए गए पैसे का दुरुपयोग था, जिसे ठेकेदारों और नेताओं की जेबें भरने के लिए बर्बाद किया गया.
आदित्य ठाकरे ने दावा किया है कि बीएमसी की 400 किलोमीटर सड़क कंक्रीटीकरण परियोजना में अनुबंधों को 66% अधिक दरों पर दिया गया था. उन्होंने इसे जनवरी 2023 में भी बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल के सामने उठाया था और इस परियोजना के कारण मुंबई में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा होने की चेतावनी दी थी. ठाकरे ने यह भी कहा कि उन्होंने बीते दो वर्षों में इस घोटाले को उजागर किया है, लेकिन बीजेपी ने उस शासन का समर्थन किया, जिसके दौरान यह घोटाला हुआ.
आदित्य ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर लगाए गंभीर आरोप
जर भाजप सरकारची रस्ते घोटाळ्यावर खरोखरच कारवाई करण्याची इच्छा असेल, तर त्यांना त्या वेळचे घटनाबाह्य मुख्यमंत्री शिंदे व त्यांच्या कार्यकाळातील दोन पालकमंत्री - लोढा आणि केसरकर ह्यांना मंत्रिमंडळाबाहेर ठेवावे लागेल.
त्याहून महत्त्वाचं म्हणजे, भाजप देखील निकृष्ट रस्त्यांबाबत बोलत…
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) December 15, 2024
बीएमसी का पक्ष
बीएमसी ने ठाकरे के आरोपों को खारिज किया, लेकिन यह विवाद अब तक शांत नहीं हुआ है. आदित्य ठाकरे का कहना है कि शिंदे सरकार के समय ठेकेदारों और भ्रष्ट नेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए इस पैसे का दुरुपयोग किया गया.