मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार गठन के बाद शनिवार से शुरू सियासी ड्रामा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. रविवार को जहां तीनों बेंचों की टीम ने मामले को सुनने के बाद सुनवाई कल तक के लिए टाल दिया गया है. वहीं देवेंद्र फडणवीस द्वारा एक दिन पहले भले ही बड़े नाटकीय ढंग से सीएम पद के लिए शपथ लिया. लेकिन राज्य में शिवसेना अभी भी सरकार बनाने की आस में हैं. उनके नेताओं का एक प्रतिनिधित मंडल आज मुंबई के जुहू इलाके में स्तिथ जेडब्ल्यू मैरियट ( JW Marriott) होटल में ठहरे कांग्रेस के नेताओं से जाकर मुलाकात की है. दरअसल कांग्रेस के नेताओं को खरीद- फरोख से बचाने के लिए इस होटल में रखा गया है. हालांकि कहा जा रहा था कि उन्हें भोपाल या फिर राजस्थान भेजा जा सकता है. लेकिन अन्त में मुंबई से बाहर नहीं भेजने को लेकर फैसला लिया गया.
वहीं दोनों पार्टी के नेताओं के बीच क्या बातें हुई. इसके बारे में मीडिया को जानकरी नहीं मिल सकी है. लेकिन मीडिया के हवाले से खबर है कि राज्य में देवेंद्र फडणवीस की सरकार किस तरफ से गिराकर तीनों पार्टियां मिलकर सरकार बनायें इसके बारे में चर्चा हुई. यह भी पढ़े: शिवसेना सांसद संजय राउत ने दिया बयान, कहा- हम मात्र 10 मिनट में साबित कर सकते हैं बहुमत
#Maharashtra: Shiv Sena MLAs Subhash Desai, Vinayak Raut & Pratap Sarnaik meet Congress MLAs at JW Marriott Hotel in Mumbai. pic.twitter.com/0mTZbARhre
— ANI (@ANI) November 24, 2019
पवई के होटल रेनेसां में रखे गए हैं एनसीपी के विधायक
कांग्रेस पार्टी के विधायकों को जहां खरीद-फरोख से बचाने के लिए उन्हें जेडब्ल्यू मैरियट होटल में रखा गया है. तो वहीं शनिवार शाम एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ हुई मीटिंग में बाद सभी विधायकों को मुंबई के पवई इलाके में स्तिथ होटल रेनेसां में रखा गया है. जहां से बिना पार्टी प्रमुख पवार के इजाजत के बिना बाहर जाने के लिए किसी को भी इजाजत नहीं दी गई है.
'होटल द ललित' में ठहरे हैं शिवसेना के विधायक:
महाराष्ट्र के इस सियासी उठापटक में शिवसेना को भी डर है कि उनके विधायकों को भी पैसों का लालच देकर खरीद फरोख किया जा सकता है. इसलिए शिवसेना ने अपने सभी विधायकों को अंधेरी के होटल द ललित होटल में रखा है.
बात दें कि महाराष्ट्र में बीजेपी शिवसेना के बीच सरकार नहीं बनने पर 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. जिसके बाद शिवसेना, एनसीपी- कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहती थी. इसको लेकर शिवसेना की दोनों पार्टी के नेताओं से चर्चा भी हो चुकी थी. बैठक में राज्य में सीएम कौन होगा यह भी तय हो गया था कि उद्धव ठाकरे महाराष्ट का मुख्यमंत्री बनेंगे. लेकिन बीजेपी ने सेना के खिलाफ ऐसी चाल चली कि शिवसेना देखती ही रह गई और बीजेपी ने सरकार का गठन कर लिया.