महाराष्ट्र सरकार गठन पर संजय राउत का तंज, बताया- 'एक्सीडेंटल शपथ ग्रहण'
शिवसेना नेता संजय राउत (Photo Credit-Facebook)

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में नई सरकार गठन पर राजनीतिक जंग पहले से कई गुना बढ़ गई है. सियासत की यह जंग सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है. तीनों पार्टियों ने देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने और मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले को चुनौती दी है. जिसपर आज यानी रविवार को सुनवाई होनी है. इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने एक बार फिर महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार गठन पर निशाना साधा है. संजय राउत ने रविवार सुबह ट्वीट पर इसे एक्सीडेंटल शपथ ग्रहण बताया. इससे पहले शनिवार को भी संजय राउत ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण पर तंज करते हुए मराठी में एक ट्वीट किया था. अपने ट्वीट में राउत ने लिखा कर कहा था कि यह शपथ समारोह था या अंतिम संस्कार.

बता दें कि, शनिवार सुबह-सवेरे महाराष्ट्र की राजनीति में ऐसा उलटफेर हुआ जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. शिवसेना सत्ता का किंग बनने का ख्वाब देख रही थी, वहीं इसके उलट बीजेपी ने सीधा एनसीपी के अजीत पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली. शनिवार को देवेंद्र फडणवीस ने सीएम और एनसीपी नेता अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी. राज्यपाल ने सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 30 नवंबर तक का वक्त दिया है.

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यहां देखें संजय राउत का ट्वीट- 

शनिवार के इस पूरे घटना क्रम के बाद से शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस एक्शन में है. तीनों पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है जिसमें राज्यपाल के आदेश को रद्द करने की मांग की गई है जिसमें उन्होंने सरकार बनाने के लिए देवेंद्र फडणवीस को न्योता दिया था. मामले की सुनवाई सुबह 11 बजकर 30 मिनट से होगी. जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी.

ये है सीटों का गणित

पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव में जेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं. बीजेपी और शिवसेना ने साथ मिलकर यह चुनाव लड़ा था. दोनों पार्टियों ने मिलकर बहुमत का 145 का आंकड़ा भी पार कर लिया था. लेकिन शिवसेना ने बीजेपी के सामने 50-50 फॉर्मूले की मांग रख दी जिसके मुताबिक ढाई-ढाई साल सरकार चलाने का मॉडल था. जिसके बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए.

इसके बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाने की तैयारी में जुटी थी. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दावा किया कि इस गठबंधन के पास 156 से ज्यादा विधायक हैं और निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी हासिल है. इस तरह से हमारे पास करीब 170 विधायकों का समर्थन है. वहीं बीजेपी का कहना भी यही है कि उनके पास बहुमत का पूरा आंकड़ा है.