कांग्रेस पार्टी की तरह ही कमलनाथ के मंत्रिमंडल में भी दिखा परिवारवाद, नवनिर्वाचित 7 मंत्री किसी नेता के पुत्र, भाई और भतीजे
कमलनाथ और सिंधिया (Photo Credits: Twitter)

भोपाल: कई दिनों की माथापच्ची के बाद आखिरकार कांग्रेस (Congress) को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मंत्रिमंडल के लिए चेहरे मिल गए. लेकिन इस प्रक्रिया में खुद को वंशवाद और परिवारवाद से दूर रखने का दावा करने वाली कांग्रेस पार्टी इससे अछूती नहीं रह पाई. यही वजह है कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के मंत्रिमंडल के 28 सदस्यों ने मंगलवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली. जिनमें से नवनिर्वाचित 7 मंत्री किसी नेता के पुत्र, भाई और भतीजे है.

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस ने भले ही 72 वर्षीय कमलनाथ को सीएम की कुर्सी दी हो. भले ही 47 साल के ज्योतिरादित्य सिंधिया को कमलनाथ से कम आंका गया हो लेकिन मंगलाव को गठित नए मंत्रिमंडल में युवा विधायकों को खासा तवज्जो दी गई है. यही वजह है कि 28 मंत्रियों में तकरीबन एक तिहाई सदस्य ऐसे हैं, जिनकी उम्र 40 से 50 के बीच है. हालांकि कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद का मिलना भी विपक्षी दलों के निशाने पर रहा है. ऐसा आरोप लगाया जाता है कि कांग्रेस पार्टी के मुखिया राहुल गांधी से करीबी रिश्ते होने के कारण ही कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया है.

विधानसभा चुनाव में कई युवा जीत कर विधायक बने है. मंत्रिमंडल में प्रदेश के तीनों बड़े नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिह और ज्योतिरादित्य सिधिया के समर्थन वाले विधायकों को जगह दी गई है. आईये जानते है किन सात विधायकों को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी कैबिनेट में जगह दी है.

जयवर्द्धन सिंह: इस लिस्ट में सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र और राघौगढ़ विधानसभा से दूसरी बार विधायक बनने वाले जयवर्द्धन सिंह का नाम आता है.

तरुण भनोत: पूर्व मंत्री चंद्रकुमार भनोत के भतीजे है. लगातार दूसरी बार जबलपुर पश्चिम विधानसभा से विधायक चुने गए है.

सचिन यादव: पूर्व उप मुख्यमंत्री सुभाष यादव के पुत्र और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के भाई है. दूसरी बार कसरावद विधानसभा से विधायक बने है.

उमंग सिंघार: पूर्व उप मुख्यमंत्री जमुना देवी के भतीजे है. गंधवानी विधानसभा से लगातार तीसरी बार विधायक बनकर मंत्रिमंडल में जगह पाई है.

कमलेश्वर पटेल: पूर्व मंत्री इंद्रजीत पटेल के पुत्र है. सिहावल विधानसभा से दूसरी बार विधायक बनकर मंत्रिमंडल में आए है.

प्रियव्रत सिंह: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे के बाद नजदीकी रिश्तेदार प्रियव्रत सिंह को भी मंत्री पड़ मिला है. वह खिलचीपुर से दूसरी बार विधायक बने है.

सुरेंद्र सिंह बघेल: पूर्व मंत्री प्रताप सिंह बघेल के पुत्र है. कुक्षी से लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए है.

मध्यप्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने डॉ़ विजय लक्ष्मी साधो, सज्जन सिंह वर्मा, हुकुम सिंह कराड़ा, डॉ़ गोविंद सिंह, बाला बच्चन, आरिफ अकील, बृजेंद्र सिंह राठौर, प्रदीप जायसवाल, लाखन सिंह यादव, तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, इमरती देवी, ओंकार सिंह मरकाम, डॉ़ प्रभुराम चौधरी, प्रियव्रत सिंह, सुखदेव पांसे, उमंग सिंघार, हर्ष यादव, जयवर्धन सिंह, जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल, लखन घनघोरिया, महेंद्र सिंह सिसोदिया, पी़ सी़ शर्मा, प्रद्युम्न सिंह तोमर, सचिन सुभाष यादव, सुरेंद्र सिंह बघेल और तरुण भनोत को शपथ दिलाई.

कमलनाथ के मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन पर पूरा ध्यान दिया गया है. खास बाद यह कि प्रदेश की सरकार में 15 साल बाद एक मुस्लिम चेहरा आरिफ अकील को जगह मिली है. वहीं कमलनाथ के मंत्रिमंडल में युवा के साथ ही अनुभव देखने को मिल रहा है. 28 मंत्रियों में सिर्फ 11 मंत्री ही ऐसे हैं, जिनकी उम्र 50 वर्ष से ज्यादा है.