बिहार लोकसभा चुनाव परिणाम 2019: नहीं चला महागठबंधन का जातीय समीकरण, राष्ट्रवाद पर पड़े वोट

कुल मिलकर कहे तो राज्य की जनता ने महागठबंधन के मुस्लिम-यादव (एम-वाई) समीकरण को नकार दिया और NDA को समर्थन दिया.

पीएम मोदी, नीतीश कुमार और रामविलास पासवान (Photo Credits: PTI)

Bihar Election Results 2019: बिहार में लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी की आंधी के आगे महागठबंधन का सफाया हो गया. NDA (बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी) ने सूबे की 40 में से 39 सीटें अपने नाम की. महागठबंधन को सिर्फ 1 सीट पर ही कामयाबी मिली. ये नतीजे सूबे में पीएम मोदी की बढती लोकप्रियता के गवाह हैं. पिछली बार NDA ने सूबे में 40 में से 31 सीटों पर जीत दर्ज की थी. हालांकि तब नीतीश कुमार अलग लड़े थे. 2014 में बीजेपी को 22, पासवान की पार्टी एलजेपी को 6 तो कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी को 3 सीट हासिल हुई थी.

गुरुवार को आए नतीजे बताते है कि सूबे की जनता ने जाती के दायरे से बाहर निकलकर NDA का समर्थन किया. सियासी पार्टियों ने टिकट बंटवारे के दौरान जातीय समीकरण को ध्यान में रखा था. लोगों ने मगर इन समीकरणों को नकारते हुए NDA के पक्ष में वोटिंग की. मतदाताओं ने राष्ट्रवाद को तरजीह देते हुए NDA को 40 में से 39 सीटें जिताई.

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वैसे, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की साफ और विकास पुरुष की छवि भी वोटरों को लुभाने में कारगर रही. उन्होंने अपनी हर सभा में विकास पर वोट मांगे. महागठबंधन के लिए सत्ता विरोधी लहर भी काम नहीं कर सकी. उपेंद्र कुशवाहा और मांझी को अपने गठबंधन में शामिल करना भी महागठबंधन की नईया को नहीं बचा सका.

इस चुनाव की सबसे बड़ी बात यह रही की विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बने RJD को जनता ने नकार दिया. माना जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद की अनुपस्थिति के कारण पार्टी को इस बड़ी हार का सामना करना पड़ा. पिछले लोकसभा चुनाव में भी राजद ने चार लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी मगर इस चुनाव में पार्टी का सूपड़ा साफ़ हो गया. लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती को भी हार का सामना करना पड़ा.

कुल मिलकर कहे तो राज्य की जनता ने महागठबंधन खासकर RJD के मुस्लिम-यादव (एम-वाई) समीकरण को नकार दिया और NDA को समर्थन दिया.

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