लोकसभा चुनाव 2019: राजस्थान में लगभग 63.78 प्रतिशत मतदान
राजस्थान के मुख्य निवार्चन अधिकारी आनंद कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि राज्य की 25 लोकसभा सीटों पर दोनों चरणों में हुए मतदान का प्रतिशत 66.12 प्रतिशत दर्ज किया गया। गत लोकसभा चुनाव में 63.11 प्रतिशत दर्ज किया गया था।
जयपुर. राजस्थान की 12 लोकसभा सीटों के लिए सोमवार को लगभग प्रतिशत 63.78 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। सबसे अधिक मतदान गंगानगर में 74.32 प्रतिशत दर्ज किया गया है। एक दो स्थानों की छिटपुट घटनाओं को छोड़ सभी जगह मतदान शांति पूर्ण सम्पन्न हो गया। मतदान प्रक्रिया के दौरान तीन मतदान कर्मियों की मौत हो गई। राजस्थान के मुख्य निवार्चन अधिकारी आनंद कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि राज्य की 25 लोकसभा सीटों पर दोनों चरणों में हुए मतदान का प्रतिशत 66.12 प्रतिशत दर्ज किया गया। गत लोकसभा चुनाव में 63.11 प्रतिशत दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि पिछली लोकसभा चुनाव के मुकाबले में 2019 के लोकसभा चुनाव में लगभग तीन प्रतिशत मतदान का प्रतिशत बढ़ा है।
उन्होंने बताया कि मतदान के दौरान लगभग 350 शिकायतें प्राप्त हुई थीं और सभी पर कार्रवाई की गई है। शिकायतों के आधार पर 46 बैलेट यूनिट, 40 कंट्रोल यूनिट और 444 वीवीपैट बदले गये हैं।
कुमार ने बताया कि राज्य में 29 अप्रैल को हुए प्रथम चरण में कहीं पर कोई पुर्नमतदान नहीं हुआ है और सोमवार को हुए दूसरे चरण के मतदान की कल जांच होगी और पूरा रिकार्ड देखने के बाद कहीं पर कोई जानकारी मिलेगी तो उसकी जानकारी के बारे में मंगलवार को बताया जायेगा। उन्होंने बताया कि 1515 मतदान केन्द्रों पर वैब कांस्टिग,1666 मतदान केन्द्रों पर वीडियो ग्राफी, 1965 मतदान केन्द्रों पर माइक्रो आब्जर्वर नियुक्त किये गये थे। यह भी पढ़े-लोकसभा चुनाव 2019: यूपी में पांचवें चरण में 57.33 फीसदी मतदान
उन्होंने बताया कि दूसरे चरण के मतदान प्रक्रिया के दौरान झुंझूनूं , सीकर और अलवर में एक-एक मतदान कर्मी का निधन हो गया। अलवर में एक मतदान कर्मी की सड़क हादसे में मौत हो गई जबकि दो अन्य मतदानकर्मियों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई है। पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एम एल लाठर ने बताया कि दूसरे चरण में 12 लोकसभा सीटों पर सोमवार को कुछ छिटपुट घटनाओं को छोडकर मतदान शांतिपूर्ण हुआ है। कहीं भी कोई बडी घटना नहीं घटी है। उन्होंने बताया कि झुंझुनूं, सीकर और बीकानेर में छोटी मोटी घटनाओं की सूचना मिली है।
सीकर की घटना को लेकर एक प्रश्न का जवाब देते हुए पुलिस महानिदेशक ने बताया कि अभी तक हमें एफआईआर नहीं मिली है। पुलिस ने चार लोगो को हिरासत में लिया है।
जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर पूर्व ओलंपियन और केन्द्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और ओलंपियन खिलाडी और कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया के बीच मुकाबला है।
पूर्व सेना अधिकारी राठौड़ ने जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर 2014 में 3.32 लाख मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। जाट बहुल इस सीट पर कृष्णा पूनिया को जातिगत समीकरणों के लिहाज से सकारात्मक समर्थन मिल रहा है।
बीकानेर लोकसभा सीट पर केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को अपने चचरे भाई और कांग्रेस उम्मीदवार मदन गोपाल मेघवाल से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है।
अर्जुन राम मेघवाल भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी हैं जबकि मदन गोपाल मेघवाल भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी हैं।
नागौर लोकसभा सीट भाजपा ने अपने गठबंधन के सहयोगी और पूर्व भाजपा नेता हनुमान बेनीवाल को दी है। बेनीवाल ने राज्य के विधानसभा चुनाव से पूर्व राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का गठन किया था और तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस सीट पर उनका मुकाबला पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा से है।
ज्योति मिर्धा प्रतिष्ठित मिर्धा परिवार से संबंध रखती है और उन्होंने 2009 में इस सीट पर जीत दर्ज की थी जबकि 2014 में सी आर चौधरी से चुनाव हार गई थीं।
नागौर सीट कांग्रेस का गढ़ रही है।
2019 लोकसभा चुनाव में दो संत सुमेधानंद सरस्वती सीकर से और बाबा बालकनाथ अलवर लोकसभा सीट पर अपने भाग्य आजमा रहे हैं। अलवर से कांग्रेस के उम्मीदवार पूर्व केन्द्रीय मंत्री और पूर्व अलवर राजघराने के भंवर जितेन्द्र चुनाव मैदान में हैं। भाजपा ने सीकर से वर्तमान सांसद सुमेधानंद को फिर से विश्वास जताते हुए चुनाव मैदान में उतारा है।
दौसा लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस ने महिला उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा ने पूर्व सांसद जसकौर मीणा को कांग्रेस के विधायक मुरारी लाल मीणा की पत्नि सविता मीणा के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है। अनेक मतदान केंद्रों को आदर्श मतदान केंद्र के रूप में विशेष रूप से सजाया गया था। इसके अलावा 133 ऐसे मतदानकेंद्र बनाए गए जिनमें मतदान करवाने से लेकर सुरक्षा का सारा जिम्मा महिला कर्मियों के हवाले रहा। गर्मी को देखते हुए छाया व पेयजल की विशेष व्यवस्था थी और अनेक जगह स्वयंसेवी जलसेवा करते नजर आए।