लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आज एक नया इतिहास रचा गया है. दरअसल एक दूसरे के धुर-विरोधी समाजवादी पार्टी (एसपी) संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam singh Yadav) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमों मायावती (Mayawati) दशकों बाद एक मंच पर साथ बैठे है. इस दौरान मुलायम ने मायावती की तारीफ करते हुए कहा, "खुशी है कि मायावती आज हमारे साथ हैं. मैं मायावती का एहसान कभी नहीं भूलूंगा. आज आपके बीच मायावती जी आई हैं. मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं. हम उनका स्वागत करते हैं और अपने कार्यकर्ताओं से हमेशा उनका सम्मान करने की अपील करता हूं. मायावती जी ने हमारी कई बार मदद की है."
मैनपुरी में एसपी-बीएसपी-आरएलडी की संयुक्त महारैली को संबोधित करते हुए बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने कहा गठबंधन के तहत यहाँ से चुनाव लड़ रहे मुलायम सिंह जी ने सभी वर्गों के लोगों को पार्टी से जोड़ा है. मोदी जी की तरह ये नकली या फर्जी पिछड़े वर्ग के नहीं हैं. मुलायम सिंह जी जन्म से असली पिछड़े वर्गे के हैं.
एसपी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा "मैं सबसे पहले मायावती जी का आभार व्यक्त करना चाहता हूँ. यह एक ऐतिहासिक पल है कि आपने नेताजी की जीत के लिए अपील की है."
मैनपुरी: 'सामाजिक न्याय से महापरिवर्तन' सपा, बसपा और आरएलडी की संयुक्त महारैली#MahaGathbandhan से #MahaParivartan pic.twitter.com/p7Y5noS5QY
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आपको बता दें कि राजनीतिक लिहाज से मैनपुरी सीट बेहद खास है. यह मुलायम सिंह यादव का गढ़ माना जाता है. 2014 में मुलायम सिंह यादव खुद इस सीट से मैदान में उतरे थे और भारी अंतर से जिते थे. हालांकि, वे साथ ही आजमगढ़ से भी जीते थे जिसकी वजह से उन्होंने मैनपुरी सीट छोड़ दी थी और पोते तेज प्रताप सिंह यादव को मैदान में उतारा था. तेज प्रताप सिंह यादव भी आसानी से जीत गए थे.
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मुलायम सिंह ने मैनपुरी सीट से साल 1996, 2004, 2009 और 2014 में जीत दर्ज कर अपने विरोधियों को पछाड़ चुके हैं. समाजवादी पार्टी ने 1996 से लेकर अब तक उप-चुनाव समेत इस सीट से आठ बार चुनाव जीती है. आपको जानकारी हैरानी होगी कि मैनपुरी सीट पर आज तक बीजेपी अपनी जीत दर्ज नहीं कर पाई है. वहीं इस बार मुलायम को टक्कर देने के लिए मैनपुरी लोकसभा सीट से बीजेपी ने प्रेम सिंह शाक्य को प्रत्याशी बनाया गया है. वहीं कांग्रेस ने किसी को नहीं उतारा है.