चारा घोटाला: लालू यादव को जमानत के लिए करना होगा और इंतजार, झारखंड हाईकोर्ट में अब 22 नवंबर को होगी सुनवाई
राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को होने वाली सुनवाई टल गई है. दरअसल, चारा घोटाले से जुड़े दुमका कोषागार से गबन के मामले में लालू यादव की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होनी थी लेकिन सीबीआई ने जवाब दाखिल करने के लिए 22 नवंबर तक का वक्त मांगा है.
बिहार (Bihar) के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में शुक्रवार को होने वाली सुनवाई टल गई है. दरअसल, चारा घोटाले (Fodder Scam) से जुड़े दुमका कोषागार (Dumka Treasury) से गबन के मामले में लालू यादव की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होनी थी लेकिन केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जवाब दाखिल करने के लिए 22 नवंबर तक का वक्त मांगा है. ऐसे में झारखंड हाई कोर्ट ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 22 नवंबर निर्धारित की है.
बता दें कि 25 अक्टूबर को न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की पीठ से इस मामले पर जल्द सुनवाई का आग्रह किया गया था, जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 8 नवंबर की तिथि निर्धारित की थी. लालू प्रसाद चारा घोटाले के विभिन्न मामलों में सजायाफ्ता हैं. वह फिलहाल रिम्स अस्पताल में इलाजरत हैं. यह भी पढ़ें- लालू यादव से रिम्स अस्पताल में मिले तेजप्रताप, भेंट में पिता को दी 'भगवद् गीता'.
लालू यादव ने दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में 18 अक्टूबर को झारखंड हाई कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी. दुमका कोषागार मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद को पिछले साल 24 मार्च को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) के तहत सात-सात वर्ष बामशक्कत कैद की सजा सुनाई थी. इस मामले में उन पर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.
लालू यादव पर दुमका कोषागार से तीन करोड़ 13 लाख रुपये गबन के आरोप हैं. लालू प्रसाद ने जमानत के लिए अपनी बीमारी का हवाला दिया है और कहा है कि वह रिम्स में भर्ती हैं और कई बीमारियों से ग्रसित हैं. मधुमेह, हृदय और किडनी के मरीज हैं. उनका स्वास्थ्य लगातार गिर रहा है. बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें इस मामले में जमानत दी जाए.