कृष्णानंद राय हत्याकांड: मुख्तार सहित 5 को बरी करने के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगी योगी सरकार
विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में दिल्ली की सीबीआई कोर्ट ने बाहुबली विधायक मुख़्तार अंसारी, उसके सांसद भाई अफजाल अंसारी व अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए भले ही बरी कर दिया हो, लेकिन सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में अपील करने का फैसला किया है.
नई दिल्ली. विधायक कृष्णानंद राय (Krishnanand Rai) हत्याकांड मामले में दिल्ली की सीबीआई कोर्ट ने बाहुबली विधायक मुख़्तार अंसारी (Mukhtar Ansari), उसके सांसद भाई अफजाल अंसारी व अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए भले ही बरी कर दिया हो, लेकिन सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने इस मामले में अपील करने का फैसला किया है. यूपी सरकार कृष्णानंद राय (Krishnanand Rai) हत्याकांड मामले में आरोपियों के बरी होने के खिलाफ अपील करेगी.
गौरतलब है कि बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय (Krishnanand Rai) की हत्या साल 2005 में हुई थी जिसका आरोप मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और मुन्ना बजरंगी (Munna Bajrangi) समेत कुल 5 लोगों पर लगा था. इस मामले में फैसला सुनाते हुए स्पेशल जज अरुण भारद्वाज ने हत्याकांड को भयानक करार दिया था. यह भी पढ़े-कृष्णानंद राय हत्याकांड: सीबीआई कोर्ट का बड़ा फैसला, मुख्तार अंसारी सहित सभी आरोपी बरी
हालांकि मुन्ना बजरंगी (Munna Bajrangi) की कुछ वक्त पहले जेल में हत्या कर दी गई थी लेकिन यह मामला पिछले करीब 14 साल से अदालत में चल रहा था. इस मामले की सुनवाई उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से दिल्ली (Delhi) ट्रांसफर की गई थी जिससे कि निष्पक्ष तरीके से सुनवाई हो सके. लेकिन घटना के 14 साल बाद जब कोर्ट का फैसला आया तो अदालत (Court) ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया.