जम्मू-कश्मीर सियासी घमासान: राजभवन की खराब फैक्स मशीन को लेकर ट्विटर पर वॉर

पूर्व मुख्यमंत्री नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने इस मामले पर चुटकी लेते हुए ट्वीट किया, 'जम्मू-कश्मीर राजभवन में नई फैक्स मशीन की जरूरत है.'

पीडीपी नेता और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती,नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अबदुल्ला और सज्जाद लोन

श्रीनगर: बेहद नाटकीय घटनाक्रम में बुधवार रात को जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा को भंग कर दिया. इससे पहले कांग्रेस-पीडीपी-नेशनल कांफ्रेंस ने साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया गया, पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने देर शाम राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा था कि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस ने उनकी पार्टी को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने का फैसला किया है. मुफ्ती ने अपने पत्र में लिखा कि उनकी पार्टी के 29 विधायकों के अलावा नेशनल कांफ्रेंस के 15 और कांग्रेस के 12 विधायकों को मिलाकर उनकी संख्या 56 हो जाती है. वहीं, इसका विरोध करते हुए भारतीय जनता पार्टी समर्थित पीपल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने भी सरकार बनाने का दावा पेश किया था.

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पहले राज्यपाल को फैक्स के जरिए दावा सौंपने की कोशिश की, मगर उनका फैक्स राजभवन तक नहीं पहुंच पाया. बाद में उन्होंने ये लैटर ट्वीट किया.

 

इसके कुछ मिनट बाद ही पूर्व मुख्यमंत्री नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने इस मामले पर चुटकी लेते हुए ट्वीट किया, 'जम्मू-कश्मीर राजभवन में नई फैक्स मशीन की जरूरत है.'

उन्होंने एक वीडियो भी ट्वीट किया.

वहीं, पूर्व अलगाववादी नेता सज्जाद लों भी सरकार बनाने के लिए अपना दावा पेश नहीं कर सके. उन्होंने भी ट्विटर पर अपना अनुभव शेयर किया.

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एक लोकप्रिय सरकार का गठन करने के लिए वार्ता प्रारंभिक चरण में थी और केन्द्र की भाजपा सरकार इतनी चिंतित थी कि उन्होंने विधानसभा भंग कर दी

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