कर्नाटक: CM सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की 'ब्रेकफास्ट डिप्लोमेसी', क्या सुलझेगा कुर्सी का झगड़ा?

कर्नाटक में सीएम की कुर्सी को लेकर चल रही खींचतान के बीच हाईकमान के दखल के बाद आज सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार नाश्ते पर मिलेंगे. इससे पहले दोनों नेताओं में सोशल मीडिया पर 'वादे' और '5 साल की जिम्मेदारी' को लेकर जुबानी जंग हुई थी, जिसे लेकर पार्टी आलाकमान नाराज है.

आज सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार नाश्ते पर मिलेंगे. (Photo : X)

बेंगलुरु में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच सत्ता को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है. दोनों नेताओं के बीच चल रही इस खींचतान को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान (पार्टी आलाकमान) ने दखल दिया है. हाईकमान के निर्देश के बाद आज सिद्धारमैया ने डीके शिवकुमार को नाश्ते (Breakfast) पर मिलने के लिए बुलाया है.

हाईकमान की फटकार और नाश्ते का न्योता

सूत्रों के मुताबिक, दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच चल रहे 'शब्दों के युद्ध' से कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व खुश नहीं है. हाईकमान ने दोनों को फोन करके मतभेद सुलझाने और एकजुटता दिखाने को कहा है.

सोशल मीडिया पर 'शब्दों' की जंग

गुरुवार को दोनों नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर एक-दूसरे पर इशारों-इशारों में तंज कसे थे.

  1. डीके शिवकुमार का पोस्ट: उन्होंने लिखा, "वादा निभाना दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है. चाहे जज हो, राष्ट्रपति हो या मैं खुद, सबको अपनी बात पर कायम रहना चाहिए." इसे 2023 में सरकार बनते समय हुए उस 'वादे' की याद दिलाने के तौर पर देखा गया, जिसमें कथित तौर पर उन्हें बाद में सीएम बनाने की बात थी.

  2. सिद्धारमैया का जवाब: इसके तुरंत बाद सीएम ने पोस्ट किया, "शब्द तब तक ताकत नहीं हैं जब तक वे लोगों का भला न करें. कर्नाटक की जनता ने जो जनादेश दिया है, वह किसी एक पल के लिए नहीं बल्कि पूरे 5 साल की जिम्मेदारी है." इसे शिवकुमार को सीधा जवाब माना गया कि सीएम पद का बंटवारा नहीं होगा.

क्या है 'ढाई साल का फॉर्मूला'?

यह पूरा विवाद एक पुराने समझौते की अफवाहों से जुड़ा है.

'सीक्रेट डील' का दावा

जब डीके शिवकुमार से इस फॉर्मूले के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें कोई जल्दी नहीं है. हालांकि, उन्होंने एक "सीक्रेट डील" का जिक्र करके सबको चौंका दिया.

शिवकुमार ने कहा, "मैंने सीएम बनाने की मांग नहीं की है. यह हम 5-6 लोगों के बीच की एक सीक्रेट डील (गुप्त समझौता) है. मैं इसे सार्वजनिक रूप से नहीं बोलना चाहता. मुझे अपनी अंतरात्मा पर भरोसा है और मैं पार्टी को कमजोर नहीं करना चाहता."

अब सबकी नजरें आज होने वाली इस 'ब्रेकफास्ट मीटिंग' पर हैं कि क्या दोनों नेता अपने गिले-शिकवे दूर कर पाएंगे या यह विवाद और बढ़ेगा.

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