नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस की चुनावी रैलियों के बाद सियासी पारा चरम पर पहुंच चुका है, दोनों ही पार्टियों ने इस दंगल को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. इन चुनावों में 2560 उम्मीदवार अपनी किस्मत अजमा रहे हैं. इनमें से 391 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसमें से 254 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं. यह खुलासा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने किया है. एडीआर ने 2560 उम्मीदवारों की ओर से फाइल की गई एफिडेविट के आधार पर यह जानकारी दी है.
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी ने सबसे ज्यादा दागी उम्मीदवारों को मैदान में उतरा है, जबकि कांग्रेस इस मामले में दूसरे नंबर पर है. बीजेपी के 224 उम्मीदवारों में से 83 यानी 37% के खिलाफ विभिन्न आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि कांग्रेस के 220 उम्मीदवारों में से 59 यानी 27% के नाम मामले दर्ज हैं. 1090 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 108 ने अपने एफिडेविट में उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की बात कबूली है.
अपने चुनावी एफिडेविट में 25 उम्मीदवारों ने बताया कि उनके खिलाफ हत्या के प्रयास, वहीं चार पर मर्डर केस दर्ज है. 23 उम्मीदवारों ने बताया कि उनके खिलाफ महिलाओं के साथ छेड़छाड़ का मामला दर्ज है. वहीं करोड़पतियों में 2560 उम्मीदवारों में 883 करोड़पति हैं. बीजेपी के 93 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं.
वहीं, इस रिपोर्ट में 56 सीटों को संवेदनशील बताया गया है.इन सीटों पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में से कम से कम 3 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. बता दें कि कर्नाटक में 12 मई को चुनाव होने हैं. नतीजे की घोषणा 15 मई को होगी. राज्य में कांग्रेस, बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है. राज्य में सरकार के गठन में जनता दल (सेक्युलर) किंगमेकर की भूमिका निभा सकता है.