नई दिल्ली: मध्यप्रदेश में राज्यसभा की सीट को लेकर कांग्रेस में शुरू हुआ घमासान अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है. पूरे घटनाक्रम को भारतीय जनता पार्टी (BJP) मौके के रूप में देख रही है. सूत्रों के मुताबिक भाजपा की मध्यप्रदेश इकाई ने ज्योतिरादित्य की पार्टी में एंट्री को हरी झंडी दे दी है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कथित तौर पर कांग्रेस हाईकमान के सामने साफ-साफ दो मांगें रखी है. एक तो राज्यसभा की सीट और दूसरी मध्यप्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष का पद.अगर कांग्रेस हाईकमान ने ज्योतिरादित्य की ये दोनों मांगें नहीं मानी तो ज्योतिरादित्य भाजपा में शामिल हो सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा में ज्योतिरादित्य की एंट्री को लेकर किसी प्रकार की बाधा नहीं है. भाजपा के आला नेताओं से ज्योतिरादित्य की बात हो चुकी है. भाजपा नेता उनके स्वागत के लिए बाहें फैलाकर इंतजार कर रहे हैं. लेकिन अंतिम फैसला खुद ज्योतिरादित्य को करना है। इस बाबत मध्यप्रदेश भाजपा की दिल्ली में तीन-चार राउंड की बैठकें भी हो चुकी हैं. लिहाजा प्रदेश स्तर से ज्योतिरादित्य की भाजपा में एंट्री पर कोई अड़चन नहीं रह गया है.अब अंतिम फैसला ज्योतिरादित्य को ही करना है. यह भी पढ़े: दिग्विजय सिंह का दावा-मध्य प्रदेश में बीजेपी का ऑपरेशन लोटस फेल, कमलनाथ सरकार को कोई खतरा नहीं
सिंधिया को नहीं मना पाने पर बीजेपी भेज सकती है राज्यसभा:
इस बीच जो खबर हैं उसके अनुसार नाराज चल रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को मनाने में कांग्रेस अगर सफल नहीं हुई तो बीजेपी उन्हें राज्यसभा भेजने का बड़ा दांव चल सकती है. इससे एक तरफ जहां बीजेपी मध्यप्रदेश में सरकार बनाने में सफल हो जाएगी, तो दूसरी तरफ सिंधिया के रूप में पार्टी को एक और युवा चेहरा मिल जाएगा. सूत्रों का कहना है कि अगर कांग्रेस से अलग होने के बावजूद सिंधिया किन्हीं कारणों से भाजपा में शामिल नहीं होते हैं तब भी पार्टी उन्हें बतौर निर्दलीय राज्यसभा भेज सकती है.
सूत्रों ने कहा है कि अगर ज्योतिरादित्य भाजपा में शामिल होते हैं, तो उन्हें राज्यसभा से सांसद बनाए जाने के अलावा उनके समर्थकों को राज्य सरकार में जगह भी मिल सकती है. सूत्र ने यह भी जानकारी दी है कि इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी भाजपा के शीर्ष नेताओं को है. ऊपर से सबकुछ ठीक है. भाजपा के एक बड़े नेता ने बताया कि कर्नाटक से उलट मध्यप्रदेश में भाजपा का 'ऑपेरशन लोटस' सिर्फ और सिर्फ ज्योतिरादित्य पर टिका है.