जम्मू-कश्मीर (Jammu and kashmir) में सियासी गहमागहमी थमने का नाम नहीं ले रही है. कांग्रेस, नैशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और पीडीपी के मिलकर सरकार बनाने के बीच विधानसभा भंग किए जाने से आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा है. ऐसे में बीजेपी नेता राम माधव के एक बयान ने आग में घी का काम कर दिया है. राम माधव ने बयान कहा कि पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सीमा पार से मिले इशारे के बाद पंचायत चुनावों में हिस्सा नहीं लिया. वहीं उनके इस बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा, "मैं राम माधव जी को चुनौती देता हूं कि आरोप साबित करें.
उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) अगर राम माधव सबूत नहीं दे सकते हैं तो माफी मांगे. ' अब्दुल्ला ने लिखा, 'या तो सबूत प्रस्तुत करिए या फिर माफी मांगने की हिम्मत दिखाइए. किसी पर अनर्गल आरोपों की राजनीति मत करिए. अब्दुल्ला ने कहा, देश की सम्प्रभुता की रक्षा के लिए नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकर्ताओं के बलिदान को आप नहीं भुला सकते. वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता ने भी बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी बताए कि क्या उसके किसी एक नेता ने भी आतंकवाद से लड़ते हुए शहादत दी है. कांग्रेस अपने ऐसे 500 नेताओं के नाम बता सकती है जिन्होंने आतंकवाद से लड़ते हुए देश के लिए जान दे दी.
It's unfortunate that a senior BJP leader has said we have got instructions from Pakistan.I challenge Ram Madhav sahab&his associates to prove this with evidence. You are disrespecting sacrifices of my colleagues who refused to dance at Pakistan's instructions&died: Omar Abdullah pic.twitter.com/w51vlZLJVH
— ANI (@ANI) November 22, 2018
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राम माधव का बयान
बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम माधव ( Ram Madhav ) ने कथित तौर पर कहा कि पीडीपी-नेकां ने पिछले महीने निकाय चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया था, वो आदेश भी उन्हें सीमा पार से आया था. ऐसा लगता है कि राज्य में सरकार बनाने को लेकर उन्हें नए आदेश मिले होंगे. इसी कारण राज्यपाल को यह फैसला लेना पड़ा.
#WATCH: BJP national general secretary Ram Madhav says on dissolution of J&K assembly, "PDP & NC boycotted local body polls last month because they had instructions from across the border. Probably they had fresh instructions from across the border to come together & form govt." pic.twitter.com/wNjGSFmJbc
— ANI (@ANI) November 22, 2018
यह है पूरा मामला
पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा था कि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस ने उनकी पार्टी को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने का फैसला किया है. जिसके बाद लोन ने इसका विरोध करते हुए राज्यपाल को पत्र लिख कर बीजेपी की मदद से सरकार बनाने का दावा पेश किया. उन्होंने 18 विधायकों के साथ बीजेपी के 25 विधायकों की मदद से सरकार बनाने का दावा पेश किया और कहा कि यह बहुमत से अधिक है.
वहीं, मुफ्ती ने अपने पत्र में लिखा कि उनकी पार्टी के 29 विधायकों के अलावा नेशनल कांफ्रेंस के 15 और कांग्रेस के 12 विधायकों को मिलाकर उनकी संख्या 56 हो जाती है. महबूबा ने राज्यपाल (जो शादी समारोह में शामिल होने के लिए चंडीगढ़ में थे) को भेजे पत्र में लिखा, "चूंकि मैं श्रीनगर में हूं. इसलिए तुरंत आपसे मिलना संभव नहीं होगा. इसलिए हम सरकार बनाने के दावे के लिए आपकी सुविधा के मुताबिक आपसे जल्द मुलाकात का समय मांगते हैं. लेकिन बाद में गवर्नर द्वारा विधानसभा भंग कर दिया गया.